भारत में नए तीन कृषि कानूनों को लेकर लगभग तीन महीनों से आंदोलनरत किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। आंदोलित किसानों को देश में तो समर्थन मिल ही रहा है साथ ही वैश्विक स्तर पर भी खूब समर्थन प्राप्त हो रहा है। अमेरिकन पॉपस्टार रिहाना से लेकर क्लाइमेट चेंज एक्टिविस्ट ग्रेटा और मिया खलीफा द्वारा कृषि आंदोलन के समर्थन में ट्वीट किया गया था। लेकिन किसानों को ग्लोबल सपोर्ट मिलने के बाद विवाद खड़ा हो गया। ये विवाद अभी खत्म भी नहीं हुआ था कि अमेरिका के एक लोकप्रिय कॉमेडी न्यूज प्रोग्राम ‘द डेली शो’ के होस्ट ट्रेवर नोआ ने भी किसानों के समर्थन में ट्वीट किया है।
सरकार ने दशकों पुराने कृषि कानूनों को बदलने का प्रयास किया तो हुआ विरोध: ट्रेवर नोआ
भारतीय किसानों के आंदोलन के बारे में ट्रेवर नोआ की ओर से एक वीडियो साझा किया गया है। ट्वीट में नोआ ने बताया है कि आखिर क्यों भारत में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं? उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि लोगों ने तब विरोध करना शुरू कर दिया है जब सरकार ने दशकों पुरानी कृषि कानूनों को बदलने का एक प्रयास किया। उन्होंने आगे कहा कि अगर आप इस बारे में नहीं जानते तो अब जान जाएंगे।
भारत में किसान कृषि कानूनों के विरोध में क्यों बैठे हैं इसे एक 8 मिनट के वीडियो में दिखाया गया है। वीडियो में नोआ कहते हैं कि हम भारत के विषय में चर्चा कर रहे हैं क्योंकि भारत में वैश्विक प्रदर्शन के साल में सबसे बड़ा प्रदर्शन चल रहा है। वीडियो में बताया गया है कि इन नए तीन कृषि कानूनों से किसानों को क्या डर है? उन्हें लगता है कि एमएसपी को समाप्त कर दी जाएगी और कृषि का निजिकरण हो जाएगा।
पूरी दुनिया को किसानों की जरूरत: ट्रेवर नोआ
हालांकि इस वीडियो में सरकार की ओर से कोई बयान नहीं दिखाया गया है। नोआ वीडियो में कहते हैं कि पिछले साल ने हमे कुछ सिखाया है तो वह यह कि किसानों को हमे हल्के में नहीं लेना चाहिए। भारत ही नहीं पूरी दुनिया में किसानों की आवश्यकता है।
गौरतलब है कि पिछले तीन महीनों से केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। कई बार किसानों और सरकार के बीच वार्ता हुई पर सभी वार्ता विफल रही। जिसके कारण अब तक किसानों और केंद्र सरकार के बीच गतिरोध अब और गहराता जा रहा है। एक तरफ किसान अपनी मांग पर अड़े हुए हैं तो वहीं दूसरी तरफ सरकार भी पीछे हटने को तैयार नहीं है। संसद में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा एक बार फिर दोहराया गया कि किसानों के साथ बातचीत के लिए दरवाजे खुले हैं और वो सिर्फ एक फोन कॉल की दूरी पर हैं।