साथ ही डाक भवन, दिल्ली से 18 अक्तूबर को निर्देश जारी किए गए कि पाकिस्तान जाने वाली प्रत्येक डाक की बुकिंग तत्काल प्रभाव से बंद करने के निर्देश दिए गए। आगरा रीजन में व्हाट्सएप पर संदेश मिलते ही इस कार्रवाई को अमल में लाया गया। 18 अक्तूबर के बाद से डाक विभाग के आगरा रीजन में पाकिस्तान की डाक बुकिंग बंद है।
देश में 28 फॉरेन पोस्ट ऑफिस (एफपीओ) हैं जहां विदेशी कंसाइनमेंट आते हैं। जिसमें से केवल दिल्ली -मुंबई के एफपीओ को पाकिस्तान पत्र भेजने और पत्र स्वीकार करने के लिए अधिकृत किया गया है।केंद्रीय दिल्ली के कोटला मार्ग पर बना एफपीओ छह राज्यों के कंसाइनमेंट के लिए नोडल एजेंसी के तौर पर कार्य करता है। वह जम्मू-कश्मीर के अलावा राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और हिमाचल प्रदेश से पत्रों को स्वीकार करता है। वहीं मुंबई का एफपीओ बाकी देश के लिए एक्सचेंज ऑफिस के तौर पर कार्य करता है। दिल्ली एफपीओ के अधीक्षक सतीश कुमार ने कहा, ‘पाकिस्तान के अधिकांश डाक इस कार्यालय द्वारा भेजे जाते हैं और उनमें से अधिकांश पंजाब और जम्मू और कश्मीर से होते हैं। यह ज्यादातर अकादमिक और साहित्यिक सामग्री वाले होते हैं।
तब पाकिस्तान इंडिया पीपुल्स फोरम फॉर पीस एंड डेमोक्रेसी के सदस्य जतिन देसाई ने कहा था कि ऐसे समय पर इस तरह के प्रथिबंध लगाना बेमानी है जब संचार इंटरनेट से होने लगा है। पत्र अभिव्यक्ति का एक माध्यम हैं।उन्होंने कहा, ‘कोई भी देश इस तरह का अधिकार वापस नहीं ले सकता। मुझे अतीत में इस तरह की कोई घटना याद नहीं आती है। यहां तक की 1965 और कारगिल युद्ध के दौरान भी डाक सेवाओं पर प्रतिबंध नहीं लगा था।’ देसाई ने कहा कि कुछ आधिकारिक संचार डाक सेवाओं के जरिए होता है। जैसे यदि कोई भारतीय मछुआरा गिरफ्तार होता है तो उसका वकील पावर ऑफ एटॉर्नी को कुरियर के जरिए भेजता है क्योंकि अदालतें ईमेल्स को स्वीकार नहीं करती हैं।
भारत के गत पांच अगस्त के निर्णय को लेकर पाकिस्तान ने कड़ी प्रतिक्रिया जतायी। पाकिस्तान ने राजनयिक संबंध कमतर कर दिये और उसके साथ सभी संवाद संबंधों के साथ ही व्यापारिक संबंध भी निलंबित कर दिये। पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, अब तीन महीनों बाद भारत के साथ डाक मेल सेवा बहाल हो गयी है, लेकिन पार्सल सेवा निलंबित रहेगी। हालांकि, भारत के साथ सीमित डाक सेवा बहाली के बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।