पाकिस्तान के वजीरे आजम इमरान खान की मुश्किलें दिन प्रतिदिन कम होने के बजाय बढ़ती ही जा रही हैं। जब से इमरान प्रधानमंत्री बने तब से अब तक उन्हें हर मोर्चे पर निराशा ही हाथ आई है। पांच अगस्त 2019 को भारत द्वारा जम्मू -कश्मीर से अनुछेद 370 हटाए जाने के बाद बौखलाए पकिस्तान को कूटनीतिक मोर्चे पर हार का मुंह देखना पड़ा था। इस मुद्दे पर उसके करीबी देशों ने तक उसका साथ महि दिया था। काफी लम्बे समय से पाकिस्तान की आर्थिक स्तिथि भी चरम पर है।देश की आर्थिक मोर्चे पर भी इमरान सरकार असफल साबित हो रही है,ऊपर से सेना का दबाव अलग से है। और विपक्षी दलों ने भी इमरान सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है।
इस बीच पाकिस्तान में राजनीतिक सरगर्मियां एक बार फिर से तेज़ हो गई हैं , हर तरफ इस बात की चर्चा जोरों पर है कि वहां तख्तापलट हो सकती है. यानी प्रधानमंत्री इमरान खान की कुर्सी जा सकती है। पाकिस्तान में सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारे तक हर तरफ लोग इमरान खान की कुर्सी जाने की चर्चा कर रहे हैं।
तख्तापलट की ये अटकलें तब और तेज हो गई जब पिछले हफ्ते पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल जावेद बाजवा और इमरान खान के बीच मुलाकात हुई। इन अटलों को उस वक्त और हवा मिल गई जब अचानक इमरान खान ने कहा कि वो कामकाज से दो दिनों की छुट्टी ले रहे हैं. छुट्टी को लेकर उन्होंने दलील दी कि वो लगातार काम कर रहे हैं, इसलिए उन्हें ब्रेक चाहिए।
पाकिस्तानी मीडिया में भी तख्तापलट की हर तरफ चर्चा हो रही है. पाकिस्तानी अखबार ‘जंग’ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा और प्रधानमंत्री इमरान खान की दो महीने बाद हुई मुलाकात पर हर किसी की नजर थी, मुलाकात के दौरान दोनों की बॉडी लैंग्वेज में खासा फर्क था. एक और अखबार ‘द न्यूज’ की रिपोर्ट के मुताबिक मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान के वरिष्ठ नेता ख्वाजा इजाहरुल हसन ने कहा है कि अगर इमरान सरकार ने अर्थव्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं की तो ये सरकार अगले बजट तक नहीं चल पाएगी।
पिछले दिनों पाकिस्तान के तेजतर्रार मौलाना और नेता फजलुर्रहमान ने इस्लामाबाद में करीब दो हफ्ते तक इमरान खान के खिलाफ आज़ादी मार्च निकाला था, उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री इमरान खान पर इस्तीफे का दबाव बढ़ाने के लिये अब वो पूरे देश में प्रदर्शन करेने की तैयारी में है.,आंदोलन खत्म करने के लिए इमरान खान को झुकना पड़ा था।
पाकिस्तान में महंगाई लगातर बढ़ती जा रही है. लिहाजा इमरान खान वहां जनता और विपक्ष दोनों के निशाने पर हैं. पिछले महीने पाकिस्तान की इकॉनमिक ग्रोथ 5.5 फीसदी से गिरकर 3.3 फीसदी पर पहुंच गई है. अनुमान लगाया जा रहा है कि अगले साल ये 2.4 फीसदी तक पहुंच सकता है। पाकिस्तानी रुपये भी लगातार गिरावट आ रही है , पिछले साल अगस्त में एक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये की कीमत 122 रुपये थी, लेकिन अब ये 155 रुपये पर पहुंच गया है।