कोरोना वायरस के कारण कई देशों में लॉकडाउन है जिसके चलते सभी काम ठप हैं। ऐसे में गरीब देशों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है। इस बात को मद्देनजर रखते हुए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की ओर से 25 गरीब देशों को ऋण में राहत देने का फैसला किया गया है। कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए आईएमएफ ने यह निर्णय लिया है। इस फैसले के बाद अब ये देश यहां कोविड-19 से उबरने के लिए अपने यहां फंड डिपाजिट कर पाएंगे। अंतरराष्ट्रीय संस्था ने सोमवार को यह बड़ा फैसला लेते हुए 25 गरीब मुल्कों के लिए छह महीने तक की राहत दी।
The International Monetary Fund has granted debt relief to 25 poor countries to help them channel funds to fight the #coronavirus pandemic: AFP news agency
— ANI (@ANI) April 13, 2020
इन देशों को IMF ने दी राहत
संस्था की ओर कहा गया कि हमारे इस निर्णय के बाद सभी देश इस वैश्विक महामारी से उबरने के लिए अपने यहां के फंड का निश्चित ही प्रयोग कर पाएंगे। जिन देशों को राहत दी गई है उनमें अफगानिस्तान, नेपाल, ताजीकिस्तान, यमन, माली, मोजाम्बिक, रवांडा जैसे देश शामिल हैं। इन 25 देशों को विशेष सुविधा दी गई है। कर्ज में माफी किए गए देशों मेंअफ्रीका के लगभग सभी देशों के साथ अफगानिस्तान, यमन, नेपाल और हैती सम्मिलित हैं।
IMF की ओर से इन 25 गरीब देशों के लिए तुरंत कर्ज माफी का एलान किया गया है। इस कोरोना संकट में आईएमएफ का यह फैसला इन देशों के लिए बेहद सुकून देने वाला है। इस महामारी से लड़ने की लिए इन देशों को सहायता मिल सके इसलिए IMF की ओर से इन देशों का कर्ज माफ कर दिया गया है। जारी किए गए एक बयान में IMF की मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्टलिना जॉर्जीवा ने बताया कि जो देश सबसे गरीब और कमजोर हैं। उन देशों के लिए आने वाले छह महीनों के प्रारंभिक चरण में IMF अपने ऋण को कवर करने का मौका देगा।
Countries granted immediate debt service relief over an initial 6-month period on their IMF obligations can now channel more financial resources towards vital #COVID19 emergency medical and other relief efforts. https://t.co/CHMbs5qCCs
— IMF (@IMFNews) April 13, 2020
IMF की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जार्वीवा ने कहा, “यह हमारे सबसे गरीब और सबसे कमजोर सदस्यों को अगले छह महीनों में प्रारंभिक चरण के लिए अपने आईएमएफ ऋण दायित्वों को कवर करने के लिए अनुदान प्रदान करता है और उन्हें अपने दुर्लभ वित्तीय संसाधनों के अधिक चैनल की मदद करेगा।”
अमीर देशों को वर्ल्ड बैंक और आईएमएफ की ओर 1 मई से लेकर जून 2021 तक गरीब देशों से कर्ज का भुगतान रोकने के लिए कहा है। यह पहली बार नहीं इससे पहले जब साल 2015 में पश्चिम अफ्रीका इबोला बीमारी की चपेट में था उस समय भी इसी तरह ऋण माफी का निर्णय लिया गया था।