अमेरिका और ईरान के बीच हाल ही में युद्घ जैसे हालात पैदा हो गए हैं और दोनों देश एक-दूसरे के आमने-सामने खड़े हो गए हैं। अमेरिका ने हाल ही में एयर स्ट्राइक किया जिसमें ईरान के जनरल कासिम सुलेमानी मारे गए। इसके बाद से ही पूरी दुनिया भर में इसको लेकर घमासान मचा हुआ है। अब ईरान ने भी अमेरिका से बदला लेने की बात कही है। इरान ने कहा है कि हम अमेरिका की इस खुशी को नाटक में बदल देंगे और जल्द ही अमेरिका पर सही जगह और सही समय पर वार करेंगे जिससे अमेरिका दहल उठेगा ।
माना जा रहा है कि इन दोनों देशों के गर्मा-गर्मी में भारत देश पर भी इसका बुरा असर पड़ेगा। अमेरिका के हवाई हमले में ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी की मौत की खबर बाद दुनिया भर में कच्चे तेल की कीमतों में भारी उछाल आया है। इससे अपनी कुल तेल जरूरतों का 84 फीसदी कच्चा तेल विदेशी बाजारों से खरीदने वाले भारत की परेशानी बढ़ सकती है। कच्चा तेल महंगा होने से भारत का आयात बिल और व्यापार घाटा भी बढ़ेगा, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान होगा और जीडीपी पर 0.40 फीसदी तक का बोझ बढ़ जाएगा ।
कहा जा रहा है कि मध्य-पूर्व में काम कर रहे लगभग 80 लाख भारतीयों पर भी इसका असर पड़ेगा। मध्य पूर्व के देशों में काम करने वाले भारतीय हर साल 40 से 70 अरब डॉलर की विदेशी मुद्रा भेजते हैं । तनाव की स्थिति में जब भारतीय अर्थव्यवस्था मुश्किल दौर से गुजर रही है तो इस आय से वंचित होना भारत के लिए भारी पड़ सकता है।