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कैसे अर्श से फर्श आ पहुंचा ये UAE का सबसे बड़ा बिजनेस टायकून?

कैसे अर्श से फर्श आ पहुंचा ये UAE का सबसे बड़ा बिजनेस टायकून?

संयुक्त अरब अमीरात में इस समय सबसे बड़ी हेल्थकेयर कंपनी के मालिक बीआर शेट्टी काफी चर्चा में हैं। उनके चर्चा में होने का कारण है उनके बिज़नेस का डूबना। जी हाँ, सऊदी अरब के भारतीय मूल के बड़े बिज़नेस मैन शेट्टी के बिजनेस का सितारा अब डूबने लगा है। इस समय वह कई मुकदमें का सामना कर रहे हैं।

एक समय वो भी था जब वह अपने बिज़नेस की बदौलत यूएई के सबसे बड़े बिज़नेस टायकून घोषित होने को लेकर चर्चा में होते थे और एक समय अब है कि वह फर्जीवाड़े के आरोप में फँसे हुए हैं। उनकी कंपनियां पांच अरब डॉलर के कर्ज में डूब चुकी है। इसके साथ ही उनपर फर्जीवाड़े के आरोप को लेकर भी जांच चल रही है। उनकी कंपनियों को शेयरों को स्टॉक एक्सचेंज पर कारोबार करने के लिए रोक दिया गया है।

अरेबियन बिज़नेस वेबसाइट की जानकारी के अनुसार, सऊदी में एनएमएसी हेल्थ तथा यूएई एक्सचेंज कंपनियों के खिलाफ चल रहे मुकदमों को झेल रहे अरबपति बीआर शेट्टी इस समय भारत में है। सूत्रों की ओर से बताया गया, “लंबे वक्त से वह यूएई में नहीं हैं। वह लगभग एक महीने से देश में नहीं हैं।” उन्होंने कहा कि शेट्टी और उनकी कंपनी एनएमसी के खिलाफ कम से कम पांच मामले चल रहे हैं।

अर्श से फर्श तक की कहानी

77 साल के बीआर शेट्टी यूएई में हेल्थकेयर इंडस्ट्री में काफी संपत्ति बनाने वाले पहले भारतीय हैं। साल 1970 में उन्होंने एनएमसी हेल्थ का शुभारम्भ किया था। जो साल 2012 में लंदन स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होने से पहले देश की अपने तरह की पहली कंपनी बनकर उभरी। वो भी समय था, जब 70 के दशक में शेट्टी महज आठ डॉलर लेकर यूएई आये थे और मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव के तौर पर उन्होंने अपने कैरियर को शुरू किया था।

साल 1980 में उन्होंने अमीरात के बेहद पुराने रेमिटेंस बिजनस यूएई एक्सचेंज की शुरुआत की थी। जिसके बाद ही यूएई एक्सचेंज, यूके की एक्सचेंज कंपनी ट्रैवलेक्स तथा कई छोटे-छोटे पेमेंट सॉल्यूशंस प्रोवाइडर्स तथा शेट्टी की फिनब्लर के साथ मिलकर साल 2018 में सार्वजनिक हुई। इसके साथ ही शेट्टी ने हेल्थकेयर और फाइनैंशल सर्विसेज के साथ-साथ हॉस्पिटेलिटी, फूड ऐंड बीवरेज, फार्मास्यूटिकल मैन्युफैक्चरिंग तथा रियल एस्टेट में भी खुद को आजमाया।

पिछले साल दिसंबर में शेट्टी के बिजनस को एक बड़ा झटका लगा, जब मड्डी वाटर रिसर्च के फाउंडर तथा शॉर्ट सेलर कारसन ब्लॉक की ओर से पेश की गई एक रिपोर्ट में एनएमसी हेल्थ पर संपत्ति का फर्जी आंकड़ा देने तथा कंपनी की संपत्तियों की चोरी का आरोप लगाया गया। इसके तीन महीने बाद ही एनएमसी के शेयरों को लंदन स्टॉक एक्सचेंज पर कारोबार करने के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया। साथ ही दो सप्ताह पहले घोषणा की गई कि उनपर लगभग 5 अरब डॉलर (लगभग 40 हजार करोड़ रुपये) का कर्ज बकाया है। जिसके बाद निवेशकों की ओर से शीघ्रता दिखाते हुए लगभग 500 मिलियन डॉलर के शेयर बेच दिए गए। जिससे कंपनी की हालत बेहद खस्ता हो गई। इस मामले में हेल्थ-केयर फर्म की ओर से एफबीआई के पूर्व निदेशक लुई फ्रा का नाम भी लिया गया है।

बुर्ज खलीफा में शेट्टी के दो फ्लोर

यूएई में शेट्टी की निजी संपत्तियों में दुनिया की सबसे ऊंची इमारत बुर्ज खलीफा में दो फ्लोर और पॉम जुमेरिया में एक विला है। पिछले साल सितंबर में उन्होंने अरेबियन बिजनस से बातचीत में कहा, “चुनौतियां हर वक्त होती हैं, लेकिन जब आप उनके सामने नहीं झुकते हैं और सही तरीके से काम करते हैं तो वह आपके रास्ता से हट जाता है।”

गौरतलब है कि 77 साल के भारतीय बावगुथु रघुराम शेट्टी के द्वारा साल 1975 में भारत से अबू धाबी जाने के बाद NMC की स्थापना की गई थी। यूएई एक्सचेंज ने इस सप्ताह अपनी शाखाओं तथा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए नया लेनदेन बंद कर दिया, क्योंकि यूएई के केंद्रीय बैंक ने घोषणा की थी कि उसने यूएई एक्सचेंज के खिलाफ जांच शुरू की है और इसके ऑपरेशंस मैनेजमेंट की जांच करेगा। शेट्टी की योजनाएँ केवल स्वास्थ्य सेवा तक ही सीमित नहीं थीं। 2003 में, उन्होंने अपना खुद का फार्मा मैन्युफैक्चरिंग एंटरप्राइज, Neopharma लॉन्च किया, जिसमें अबू धाबी में Pfizer, Merck आदि जैसे शीर्ष ब्रांडों के साथ काम कर रहे थे। इस बीच, शेट्टी मंगलुरू में है, उड़ान प्रतिबंधों के कारण UAE में वापस जाने में सक्षम नहीं है।

हीरे जड़ी ‘हब्लोट’ की घड़ी विवाद

बीआरएस हेल्थ एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट प्राइवेट लिमिटेड के महाप्रबंधक कुशाल शेट्टी ने टीएनआईई को बताया कि बीआर शेट्टी के इरादे पर संदेह किए बिना किसी पर भी विश्वास करने के कदम ने उन्हें और उनके व्यवसाय को नुकसान पहुंचाया होगा। लेकिन तथ्य यह है कि वह एक सीईओ नियुक्त होने के बाद पिछले चार वर्षों से एनएमसी हेल्थ के प्रशासन में कोई जिम्मेदारी नहीं निभा रहे हैं, एक संकेत है कि बीआर शेट्टी ने कोई वित्तीय अनियमितता नहीं की है। उन्होंने कहा, “वह बोर्ड की सदस्य के रूप में अपनी क्षमता में केवल बोर्ड की बैठकों में भाग लेते थे।”

बताया जा रहा है कि बीआर शेट्टी अपने बीमार भाई को देखने भारत आए थे, जो गुजर चुके हैं और अब वह मंगलुरु में अपने भाई के घर पर रह रहे हैं। अरबपति बनने के पीछे की शेट्टी की यह कहानी बेहद विस्मयकारी है। वह उडुपी के कौप में 1942 में जन्मे, उनके प्रारंभिक वर्ष संघर्ष से भरे थे। उन्होंने 1968 में भारथिया जनसंघ से उडुपी शहर नगरपालिका का चुनाव लड़ा और लगातार दो बार जीते।

इनपर एक आरोप भी लगाया गया था कि उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को हीरे जड़ी ‘हब्लोट’ की घड़ी दी थी, जो एक बड़े विवाद का केंद्र था। हालांकि, दोनों ने आरोपों से इनकार किया। कुछ साल पहले, उन्होंने यह भी घोषणा की थी कि वह बॉलीवुड में सबसे महंगी फिल्म बनाएंगे और शिवमोग्गा के सागर ताल में जोग फॉल्स विकसित करेंगे। लेकिन दोनों परियोजनाओं को अभी दिन के प्रकाश को देखना बाकी है।

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