अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग के को-फाउंडर नाथन एंडरसन ने एक रिपोर्ट के द्वारा अडानी को दुनिया के टॉप टेन अमीरों की श्रेड़ी से काफी निचे गिरा दिया। हिंडनबर्ग के द्वारा प्रकाशित की गई रिपोर्ट का असर न केवल अमेरिका बल्कि दुनिया के तमाम देशों में भी होता है। विश्व में प्रसिद्धि प्राप्त इस कंपनी की कहानी बेहद प्रसिद्ध है। अडानी मामले के बाद अब फिर से इस कंपनी ने ट्विटर के को-फाउंडर जैक डोर्सी की कंपनी ब्लॉक इंक पर निशाना साधते हुए एक नई रिपोर्ट जारी करने का ऐलान किया है।
कंपनी के काम
उदाहरण के तौर पर समझें तो अगर किसी कंपनी के शेयर को शॉर्ट सेलर इस उम्मीद से खरीदता है कि भविष्य में 1000 रुपये का स्टॉक गिरकर 500 रुपये पर आ जाएगा। इसी उम्मीद में वो दूसरे ब्रोकर्स से इस कंपनी के शेयर उधार के तौर पर ले लेता है। ऐसा करने के बाद शॉर्ट सेलर इन उधार लिए गए शेयरों को दूसरे निवेशकों को बेच देता है, जो इसे 1000 रुपये के भाव से ही खरीदने को तैयार होते हैं। वहीं जब उम्मीद के मुताबिक, कंपनी का शेयर गिरकर 500 रुपये पर आ जाता है, तो शॉर्ट उन्हीं निवेशकों से शेयरों की खरीद करता है। गिरावट के समय में वो शेयर 500 रुपये के भाव पर खरीदता है और जिससे उधार लिया था उसे वापस कर देता है। इस हिसाब से उसे प्रति शेयर 1000 रुपये का जोरदार मुनाफा होता है।इसी रणनीति के तहत हिंडनबर्ग कंपनियों को शॉर्ट कर कमाई करती है।