एक तरफ भारत में बाढ़ से लाखों लोगों का जीवन अस्त व्यस्त हो रहा है। वहीं दूसरी तरफ यूरोप में गर्मी से लोगों की जान जा रही हैं।
एशियाई देशों की तुलना में यूरोप के देश ठंडे होते हैं। यहां तापमान 20 डिग्री तक पहुंच जाए तो लोगों के लिए बड़ी बात होती है। लेकिन ब्रिटेन, स्पेन, फ्रांस, पुर्तगाल, इटली और टर्की में गर्मी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। लोग गर्मी से झुलस रहे हैं। पिछले 7 दिनों में गर्मी से पुर्तगाल में 659 लोगों की मौत हो चुकी है।
कई शहरों में तापमान 40 डिग्री तक पहुंच चुका है। इस भयानक गर्मी के चलते पुर्तगाल का 90 प्रतिशत से ज़्यादा इलाक़ा सूखे का सामना कर रहा है। अचानक हीट वेव के बढ़ने पर वैज्ञानिक क्लाइमेट चेंज वजह बता रहे हैं। कई वैज्ञानिक स्पेन, पुर्तगाल और फ्रांस के जंगलों में लगी आग को भी गर्मी बढ़ने की वजह बता रहे हैं।
समंदर के किनारे लगी लोगों की भीड़
गर्मी से लोग इतने बेहाल हैं कि इस समय ब्रिटेन में समंदर के किनारे लोगों की भारी भीड़ लगी हुई है। बड़े-बड़े होटल और रिसॉर्ट में बने स्वीमिंग पूल में भीड़ जमा है। लोग जहां गर्मी मिल रही है वहां डेरा डाले हुए हैं। ब्रिटेन में ऐसा पहली बार हुआ है, जब पारा 40 डिग्री के पास पहुंच चुका है। बढ़ती गर्मी को देखते हुए ब्रिटेन में हेल्थ इमरजेंसी लगा दी गई है। ब्रिटेन में 5 साल पहले तक जुलाई माह में तापमान 20 डिग्री के आसपास रहता था। आज 40 डिग्री के पास पहुंच चुका है।
Grassland fires erupting, runways melting, firefighter trucks burning and temperature records tumbling. A ferocious heat wave is gripping Britain and much of Europe.
— AFP News Agency (@AFP) July 19, 2022
AFP bureaus reporthttps://t.co/fkVPlEzwRt pic.twitter.com/E50Ja9WBWp
पिछले 2 सालों से बदल रहा मौसम
पिछले दो सालों से ब्रिटेन में मौसम में परिवर्तन देखा गया है। ठंड होने के बजाए भयानक गर्मी पड़ रही है। ब्रिटेन वासियों को ऐसी गर्मी का कभी न अहसास था न अनुमान। बिन मौसम इतनी गर्मी पड़ने से ब्रिटेन के वैज्ञानिक भी आश्चर्यचकित हैं। गर्मी इतनी है कि केवल इंसान ही नहीं सड़कें टूट रही हैं ग्लास से बनी छतें पिघल रही हैं।
गर्मी क्या होती है? इसका अंदाज़ा पिछले कई दिनों से यूरोप के लोगों को भली भांति हो रहा है। पेरिस के कई पार्कों की घास राख हो चुकी है। जमीनों में दरार पड़ रही है। फ्रांस के लोग गर्मी से बचने के लिए नदी-समुंद्र के किनारे जमा हो रहे हैं।
दरअसल यूरोप के देशों में जुलाई अगस्त के माह में यदि तापमान 20 डिग्री के पार जाता था, तो उसे भयंकर गर्मी करार दिया जाता था। यूरोप के लोगों को इससे अधिक गर्मी की आदत नहीं है। लेकिन इस बार जुलाई में ही पूरे ब्रिटेन में तापमान 30 डिग्री के पार जा चुका है। आशंका जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में 40 डिग्री टॉर्चर का भी सामना करना पड़ सकता है। दुनियाभर से पर्यटक कभी यहां गर्मी की छुट्टियां मनाने आते हैं। लेकिन इस बार यूरोपीय देश गर्मी से त्रस्त हैं। जिसके चलते कई देशों ने राष्ट्रीय संकट घोषित कर दिया है।
The Trocadero fountains in front of Paris' Eiffel Tower turned into a wading pool as tourists and Parisians sought respite from France's scorching heatwave https://t.co/bxdFXkcSRJ pic.twitter.com/S3Q6WkFp9s
— Reuters (@Reuters) July 19, 2022
जंगल की आग से बढ़ रहा संकट
यूरोप के कई देशों के सामने इस भयंकर गर्मी ने गंभीर संकट पैदा कर दिया है। फ्रांस और स्पेन के जंगल आग की चपेट में हैं जंगलों की आग रिहाइशी इलाकों तक फैल गई है।
Firefighters worked to save burning homes in parts of London on Tuesday as temperatures in Britain exceeded 40 degrees Celsius, or 104 degrees Fahrenheit, the highest on record in the country. https://t.co/cvayaDXzUx pic.twitter.com/YNm23dDovG
— The New York Times (@nytimes) July 19, 2022
जगलों के पास बने रिहाइशी इलाकों से लगभग 14,000 लोगों को निकाला जा चुका है। जगलों की आग को शांत करने के लिए हेलिकॉप्टरों से पानी की बौछारें की जा रही हैं, लेकिन पूरा इलाका पहाड़ी है इसलिए अब तक कोई हल नहीं निकला है। फिलहाल यूरोप के किसी भी देश के पास मौसम की मार से बचने का कोई समाधान नहीं है।