पूरे विश्व में हृदय रोग तेजी से फ़ैल रहा है। ये अंदाज़ा आकड़ों से ही लगाया जा सकता है। इस समय दुनिया भर में हर साल एक करोड़ 86 लाख लोग हृदय रोग के चलते अपनी जान गंवा बैठते हैं। अमेरिका में तो ये स्थिति और भी भयावह होती जा रही है।
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, अमेरिका में हृदय रोग मृत्यु का प्रमुख कारण बन गया है। हृदय रोग की खासकर अश्वेत महिलाएं शिकार हुई हैं। रिपोर्ट के अनुसार, हर साल अमेरिका में करीब 50 हजार अश्वेत महिलाओं की दिल की बीमारी से मौत होती है।
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की संचार और उत्पाद रणनीति की उपाध्यक्ष स्टेफनी जॉनसन बताती हैं कि दिल की बीमारी के कारण उनकी मां और बहन 30 दिनों के अंदर काल के मुंह में समां गई। जिसके बाद अब उन्होंने हाई ब्लड प्रेशर से होने वाले इस रोग से लड़ाई को अपना मिशन बना लिया है। अमेरिका में 20 वर्ष से अधिक आयु की लगभग आधी अश्वेत महिलाओं को हृदय रोग है, लेकिन अधिकांश महिलाएं इस खतरे से अनजान रहती हैं।
जॉनसन ने अश्वेत महिलाओं के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए एक गैर-लाभकारी समूह रिलीज द प्रेशर (आरटीपी) बनाया है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की संचार और उत्पाद रणनीति की उपाध्यक्ष जॉनसन कहती हैं, “गैर-हिस्पैनिक गोरों की तुलना में अफ्रीकी अमेरिकियों और अश्वेत अमेरिकियों में हृदय रोग से मरने की संभावना 30 फीसदी अधिक है। ”
वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन और अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, हृदय रोग और हार्ट अटैक का खतरा सप्ताह में 55 घंटे से अधिक काम करने से और बढ़ जाता है। एक तरफ दुनिया कोरोना वायरस से निपट रही है वहीं दूसरी तरफ ऐसे समय में यह रिपोर्ट चिंता का विषय है। कोरोना काल के कारण लोगों की दिनचर्या में भी काफी बदलाव आया है।