खाड़ी देशों में तेल की कमी होती जा रही है। इसी साल इराक और सऊदी अरब जैसे कई अन्य खाड़ी के देशों ने प्रतिदिन तेल उत्पादन को दस लाख बैरल तक कम करने की घोषणा की थी। जिसके बाद से ही अंतर्राष्ट्रीय तेल बाजार में उथल -पुथल हो गई। लगातार बढ़ रही तेल की कमी से सऊदी अरब की अर्थव्यवस्थ्सा प्रभावित हुई है। जिसे संभालने के लिए सऊदी अरब ने टूरिज़म का सहारा लिया है। सऊदी अरब ने टूरिज़म से अर्थव्यवथा को संभालने का उपाय निकालते हुए एक लक्ष्य निर्धारित किया है। लक्ष्य यह कि 2032 तक 350 अरब डॉलर आय तक पहुंच ।
सऊदी अरब का पवित्र मक्का शहर इसी लक्ष्य को पूरा करने में अपना योगदान दे रहा है। दरअसल पवित्र मक्का शहर में लाखों की तादाद में दुनिया के 160 देशों से मुसलमान हज करने के लिए पहुंचे हैं। सऊदी अरब ने दावा किया है कि इस बार 25 लाख तक लोग उमरा के लिए मक्का पहुंच सकते हैं। जो हज यात्रा के इतिहास में रिकॉर्ड हो सकता है। फिलहाल ये आकड़ा अभी 18 लाख तक ही पहुंचा है।
गौरतलब है कि कोरोना काल के बाद हज पहली बार बिना किसी प्रतिबंध के आयोजन किया गया है। महामारी के चलते 2020 में सिर्फ 10 हजार लोगों को ही हज यात्रा की अनुमति दी गई थी। कोरोना महामारी की वजह से पिछले साल केवल 10 लाख लोगों को ही हज की अनुमति दी गई थी। वहीं 2021 में 59 हजार लोगों को हज की अनुमति दी गई थी। इस बार सऊदी अरब में एक बार फिर से लाखों मुसलमान पहुंचे हैं ।
गौरतलब है कि तेल की खान कहे जाने वाले सऊदी अरब को भविष्य में अर्थव्यवस्था की चिंता सता रही है। चिंता यह है कि सऊदी अरब में अगर तेल के भंडार जल्द खत्म हो गए तो क्या होगा। वह भी तब जब दुनिया अब इलेक्ट्रिक कारों की ओर बढ़ रही है और उसमें तेल की जरूरत नहीं होती है। यही वजह है कि सऊदी प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के नेतृत्व में विजन 2032 तक का प्लान बनाया गया है। इसके तहत सऊदी अरब देश में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना चाहता है। सऊदी अरब की नजर हज और उससे होने वाली अरबों डॉलर की कमाई पर है और इसी वजह से वह इसे जमकर बढ़ावा दे रहा है।
सऊदी अरब का हज और उमरा टूरिज्म बाजार साल 2032 तक 350 अरब डॉलर की आय तक पहुंचने का अनुमान है। कोरोना के पहले अनुमान लगाया गया था कि साल 2022 तक 10 दिन तक चलने वाले हज से होने वाली आय 30 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगी और 1 लाख लोगों को हर साल नौकरियां मिलेंगी। उस समय 21 लाख लोगों के सऊदी अरब पहुंचने का अनुमान था। कोरोना महामारी की वजह से हज करने वालों की संख्या में गिरावट आई थी लेकिन इस साल यह 18 लाख को पार कर गई है।
सऊदी सरकार अनुसार वर्ष 2032 तक हज यात्रियों की संख्या 30 लाख को पार कर जानी चाहिए। कोरोना महामारी से सऊदी अरब जल्दी ही उबर गया है। जो कि सऊदी प्रिंस के साल 2032 के विजन के लिए बहुत अच्छा संकेत माना जा रहा है। सऊदी प्रिंस साल 2032 तक तेल से अपनी निर्भरता को घटाना चाहते हैं और अर्थव्यवस्था में विविधता लाना चाहते हैं। सऊदी अरब सरकार द्वारा हज को बढ़ावा देने के लिए मक्का में अरबों डॉलर खर्च करके बड़े पैमाने पर आधारभूत ढांचे को बनवाया गया है।
सऊदी अरब और ईरान के बीच राजनयिक संबंध स्थापित