जहां दुनिया का हर मुल्क कोरोना से अछूता नहीं रहा वहीं तुर्की में एक दिन में इस महामारी के 913 नए मामलों के आने से देश में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 223315 हो गई है। देश के स्वास्थ्य मंत्री फरेटिन के मुताबिक इस दौरान 18 लोगों की मौत के बाद देश में कोरोना से मरने वालों की संख्या 5563 पहुँच चुकी है। तुर्की में कोरोना वायरस का पहला मामला 11 मार्च को दर्ज किया गया था जिसके बाद से लेकर अबतक 223,315 लोग इस वायरस की चपेट में आ चुके है।
इस बीच देश के लोगों के लिए अच्छी खबर आई है कि देश के इस्तांबुल में ऐतिहासिक हागिया सोफिया म्यूजियम को मस्जिद में बदलने के बाद आज पहली बार नमाज अदा की गई। कुछ दिनों पहले तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने हागिया सोफिया को म्यूजियम से मस्जिद में बदलने का आदेश दिया था। हागिया सोफिया नाम की यह खूबसूरत इमारत सबसे पहले एक चर्च थी। बाद में इसे मस्जिद में तब्दील कर दिया गया , लेकिन तुर्की के संस्थापक अतातुर्क कमाल पाशा ने इसे एक म्यूजियम बना दिया था।
दरअसल, अतातुर्क कमाल पाशा तुर्की धर्म निरपेक्षता के पक्षधर थे। वे तुर्की को आधुनिक युरोपियन की तरह बनाना चाहते थे। वे चाहते थे कि तुर्की को दुनिया के दूसरे स्लामिक कट्टरपंथी देशों की तरह न देखा जाए। इसलिए हागिया सोफिया भी सभी धर्म और संप्रदाय के लोगों के लिए खुला था। इसी वजह से तुर्की अब तक दुनिया के लिए ‘सेक्यिलरिजम ‘ का एक प्रतीक था। लेकिन अब
के वर्तमान राष्ट्रपति अर्दोआन ने इसे मस्जिद में बदल दिया है। उनकी सारी गतिविधिया इस्लामिक कटटरपंथियों की तरह इशारा करती हैं। हागिया सोफिया को मस्जिद में बदलने के बाद दुनिया में कई देशों ने इसका विरोध भी किया था। खुद तुर्की के नोबेल सम्मानित लेखक ओरहान पामुक ने इस फैसले पर नाराजगी जताई थी।
लेकिन इसी महीने के शुरू में तुर्की की एक अदालत ने हागिया सोफ़िया म्यूज़ियम को मस्जिद में बदलने का फैसला सुनाया था। इसके बाद अर्दोआन ने घोषणा की कि विश्व प्रसिद्ध हागिया सोफ़िया में 24 जुलाई से नमाज़ अदा की जाएगी।