रूस की राजनीति में इस समय काफी उठा-पठक चल रही है। जब से व्लादिमीर पुतिन के कटु आलोचक अलेक्सी नावलनी को पुलिस ने एक पुराने मामले में गिरफ्तार किया है तब से वहां हालात काफी ज्यादा संजीदा बने हुए है। नावलनी के समर्थन में हजारों की संख्या में प्रदर्शकारी मॉस्को में इकट्ठा होकर पुतिन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे है। पुलिस ने काफी संख्या में इन प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया है और जेल में डाल दिया है। रूस इन प्रदर्शनों के पीछे पश्चिमी देशों का हाथ मानता है। रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने इंटरफेक्स के साथ एक साक्षात्कार में कहा, यह हमारे तथाकथित पश्चिमी साथी कर रहे हैं। उन्होंने रूस पर दावा करते हुए कहा कि नवलनी और उनकी टीम विदेशी एजेंटों के रूप में काम करती है।
ज़खरोवा ने पिछले हफ्ते रूसी राजनयिकों को रूस के कदमों के लिए निष्कासित करने के पोलैंड, जर्मनी और स्वीडन के फैसलों की आलोचना की। प्रवक्ता ने कहा कि उसने तीन यूरोपीय संघ के देशों के राजनयिकों को नवलनी के समर्थन में रैलियों में भाग लेने के लिए निष्कासित कर दिया था। रुस में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के कटु आलोचक और विपक्ष के सबसे बड़े नेता अलेक्सी नावलनी को मॉस्को की अदालत ने पैरोल की शर्तों का उल्लघंन करने के लिए नावलनी को तीन साल जेल की सजा सुनाई है। उन पर अपराधिक मामले में गिरफ्तारी के बाद मिली पैरोल की शर्तों का उल्लघंन करने का आरोप है।
जर्मनी और स्वीडन की रूस पर कार्रवाई
वहीं अब रूस की इस कार्रवाई से जर्मनी और स्वीडन भी सख्ते में आ गए है। जर्मनी और स्वीडन में एक-एक रूस राजनयिक को अवांछित घोषित किया जा रहा हैं। स्वीडन की विदेश मंत्री एन्न लिंडे ने ट्वीट किया, ‘‘ हमने रूसी राजदूत को सूचित किया है कि रूस में उनके दूतावास के एक व्यक्ति को स्वीडन छोड़ने को कहा गया है। यह बस अपना कर्तव्य निभा रहे स्वीडिश राजदूत के निष्कासन के अस्वीकार्य फैसले पर स्पष्ट प्रतिक्रिया है। ’’ जर्मनी के विदेश मंत्रालय ने कहा कि यूरोपीय राजननिकों के निष्कासन का रूस का निर्णय किसी तरह सही नहीं है और यह कि जर्मन दूतावास के कर्मी ‘‘मौके पर हो रहे घटनाक्रम से खुद को रूबरू रखने’’ से जुड़े राजनयिक संबंध के वियना संधि के तहत अपने अधिकारों के तहत ही काम कर रहे थे। मंत्रालय ने कहा कि पोलैंड, स्वीडन एवं यूरोपीय संघ की राजनियक सेवा के साथ मिलकर यह निर्णय लिया गया है। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि पोलैंड ने भी ऐसा ही कदम उठाया है।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नावलनी की गिरफ्तारी का हो रहा है विरोध
रुस में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के कटु आलोचक और विपक्ष के सबसे बड़े नेता अलेक्सी नावलनी को मॉस्को की अदालत ने पैरोल की शर्तों का उल्लघंन करने के लिए नावलनी को तीन साल जेल की सजा सुनाई थी। उन पर अपराधिक मामले में गिरफ्तारी के बाद मिली पैरोल की शर्तों का उल्लघंन करने का आरोप है। अंतराष्ट्रीय शक्तियों ने इस बीच रूस से नवलनी को मुक्त करने का आह्वान किया था, जिसमें उन्होंने रूस को उनके द्वारा कुछ नए प्रतिबंधों की धमकी दी गई थी। संयुक्त राज्य अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने नवलनी के जेल जाने की निंदा की और उनकी रिहाई की मांग की थी। इस मामले पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने ट्विटर पर एक बयान में कहा, नावलनी की निंदा अस्वीकार्य है। राजनीतिक असहमति कभी अपराध नहीं होती। हम उसकी तत्काल रिहाई के लिए कहते हैं। वहीं जर्मनी के विदेश मंत्री हीको मास ने नवलनी के खिलाफ फैसले को रूस में कानून के शासन के लिए “कड़वा झटका” कहा था।
पुतिन का किया था खुलासा
नावलनी रूस की एक राजनीतिक पार्टी के नेता हैं। ऐसा माना जाता है कि नावलनी ही वो शख्स हैं, जिनसे पुतिन को सबसे ज्यादा डर लगता है। नावलनी पुतिन को लेकर आए दिन खुलासे करते रहे हैं, जिसके कारण रूस के लोग पुतिन के खिलाफ होते जा रहे हैं। उन्होंने पुतिन और उनकी पार्टी के नेताओं पर भ्रष्टाचार को लेकर कई बड़े आरोप लगाए। पुतिन पर तो सरकारी खजाने को कुछ महिलाओं पर लुटाने का आरोप तक लगाया गया है। नावलनी को कई बार गिरफ्तार किया जा चुका है।