[gtranslate]
world

ईरान में लगातार हो रही हैं आग लगने की घटनाएं

जहां पूरी दुनिया कोरोना नामक जानलेवा वायरस से जंग लड़ रही है वहीं   ईरान हादसों से भी  जूझ रहा है। हादसों का देश में ऐसा  सिलसिला शुरू हो गया है जो  थमने थमने के बजाय बढ़ते ही जा रहे हैं। ईरान के  न्यूक्लियर प्लांट और पावर प्लांट के बाद अब दक्षिणी ईरान के बुशेहर बंदरगाह पर शिपयार्ड में  सात जहाज़ों में आग लग गई। ईरान के  सरकारी मीडिया के अनुसार स्थानीय आपदा प्रबंधन संगठन के प्रमुख ने ईरना समाचार एजेंसी से कहा कि आग पर काबू पा लिया गया है और कोई  बड़ा नुकसान  नहीं हुआ है।

ईरान के अल जजीरा में छपी खबर  के मुताबिक इस बार ‏भी ईरान ने स्पष्ट नहीं किया है कि आग आखिर  कैसे लगी।  इससे पहले ईरान में ही मिसाइल केंद्र, पावर प्लांट, मेडिकल क्लीनिक और परमाणु केंद्र में आग लगी थी।  ईरान में जारी हादसों  पर अब सवाल भी खड़े होने शुरू हो गए हैं।  पहले  आग लगने की घटनाओं के पीछे इजराइली ख़ुफ़िया एजेंसी मोसाद का हाथ बताया जा रहा था, लेकिन अब ऐसा संदेह जताया जा रहा है कि ईरान में कुछ नष्ट किया जा रहा है।
इससे पहले बीते सोमवार यानी 13 जुलाई को ईरान के उत्तर-पूर्वी शहर मशहद के नज़दीक एक औद्योगिक केंद्र में आग लगी थी।  अधिकारियों का कहना था कि छह गैस के टैंक में आग लगी थी जिसके कारण धमाका हुआ था। उससे एक दिन पहले दक्षिण-पश्चिमी महशहर शहर में एक पेट्रोकेमिकल केंद्र पर आग लग गई थी इसको लेकर कहा गया था कि यह तेल लीक की वजह से हुआ था।

बीते 11 जुलाई  को भी राजधानी तेहरान के दमकल विभाग का कहना था कि एक इमारत के बेसमेंट में कई गैस सिलिंडर में धमाका हुआ था।  ईरानी अधिकारियों का कहना है कि वो नतांज़ में यूरेनियम संवर्धन केंद्र पर 2 जुलाई और खोजिर मिसाइल उत्पादन केंद्र पर 26 जून को हुए धमाके के कारणों की जांच कर रहे हैं कि कहीं इसमें विदेशी ताक़तों या घरेलू विपक्षी समूहों का तो हाथ नहीं था। माना जाता है कि 2010 में अमेरिका और इजराइल के बनाए एक कंप्यूटर वायरस के कारण नतांज़ की मशीनरी पर हमला किया गया था।

You may also like

MERA DDDD DDD DD