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फ्रांस के राष्ट्रपति का बड़ा बयान, 76 मस्जिदें हो सकती हैं बैन

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन और संदिग्ध मस्जिदों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। पिछले कुछ दिनों में फ्रांस में हुई आंतकी घटनाओं से फ्रांस के लोग काफी अचंभित हैं। फ्रांस में कुल 2600 मस्जिदें हैं। लेकिन इनमें से 76 मस्जिदों पर कट्टरपंथ इस्लाम को बढ़ावा देने का आरोप लगा है। इस्लामिक कट्टरपंथ को बढ़ावा देने वाले इस्लामिक संगठनों पर भी कार्रवाई की जाएगी।

फ्रांस के गृहमंत्री गेराल्ड डेरमैनियन ने अपने बयान में कहा है कि ” सदिंग्ध मस्जिदों की जांच की जा रही है और कट्टरपंथ को बढ़ावा देने वाले संगठनों पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिन मस्जिदों के खिलाफ सदिंग्ध सबूत मिल रहे हैं उन पर ताला लगाया जाएगा। गृह मंत्रालय ने स्पष्ट कहा है कि आने वाले दिनों में हर सदिंग्ध स्थान की जांच की जाएगी। जहां भी शक होगा, उन्हें बंद कर दिया जाएगा।

76 मस्जिदें ऐसी हैं जिनके खिलाफ कट्टरपंथ को बढ़ावा देने के लिए पुख्ता सबूत मिले है। फ्रांस सरकार इन मस्जिदों को बंद करने की सोच रही है। सरकार की अभी तक जांच में पता चला है कि देश में कुछ ऐसी मस्जिदें है जहां कट्टरपंथ और अलगाववाद को बढ़ावा दिया जा रहा है। अब इन मस्जिदों के खिलाफ फ्रांस सरकार सख्ती से कदम उठा रही है। फ्रांस की राजधानी पेरिस के आपपास के इलाकों में करीब 16 मस्जिदें हैं और बाकी देश के अलग-अलग भागो में हैं। इससे पहले फ्रांस सरकार ने 6 मस्जिदों को बंद कर दिया है।

राजनीतिक रूप से प्रेरित इस्लामिक गतिविधियों को रोकने के लिए ऑस्ट्रियाई सरकार ने एक नई पहल शुरू की है। इसके तहत सरकार ऐसे सामाजिक और शैक्षणिक संस्थानों की पहचान करने और उनको रजिस्‍टर करने का काम कर रही है, जो इस्‍लाम-नियंत्रित संगठन हैं और उनका उपयोग राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए किया जा रहा है। ऑस्ट्रियाई चांसलर सेबेस्टियन कुर्ज के मंत्रिमंडल ने उन प्रस्तावों पर अपनी सहमति जताई है, जिनके जरिए आतंकी घटनाओं के दोषियों को पूरी जिंदगी जेल की सलाखों के पीछे रखा जा सकता है। इसके अलावा आतंकवादी-गतिविधियों के दोषियों की रिहाई के बाद भी उनकी इलेक्ट्रॉनिक निगरानी करने और धार्मिक रूप से प्रेरित चरमपंथ को अपराध की श्रेणी में शामिल करने जैसे प्रस्‍ताव भी इसमें शामिल हैं। चांसलर कुर्ज ने ट्वीट कर कहा था कि “हम उन लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई करेंगे जो खुद आतंकवादी नहीं हैं, लेकिन जो उनकी गतिविधियों के लिए जमीनी मदद करते हैं। हम ऐसे लोगों के लिए अपराध की एक श्रेणी बनाएंगे जिसका नाम ‘राजनीतिक इस्लाम होगा।”

बता दें कि फ्रांस में इसी साल अक्टूबर में एक टीचर सैमुअल पेटी का सिर कलम इसलिए कर दिया था क्योंकि उसने पैंगबर मोहम्मद का कार्टून अपनी दिखाया था। जिसके बाद इस्लामी कट्टरपंथियों ने पेटी की निर्मम हत्या कर दी। जिसके बाद पूरे फ्रांस में कट्टरपंथी इस्लाम का जबरदस्त विरोध हुआ था। घटना को इमैनुएल मैक्रों ने इस्लामिक आंतकवाद करार दिया था। यह घटना अभी ठंडी ही नहीं हुई थी, तभी कुछ दिन बाद नीस शहर में एक कट्टरपंथी ने तीन लोगों की चाकूओं ने हत्या कर दी थी।

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