फ्रांस में एक किशोर की हत्या के बाद भड़की हिंसा को दो दिन हो गए हैं, देश के अलग-अलग हिस्सों से आगजनी और पथराव की खबरें आ रही हैं। लोगों की भारी भीड़ पुलिस और सुरक्षा बलों पर हमला कर रही है। अब तक कई गाड़ियां जल चुकी हैं। पुलिस ने इस हिंसा के सिलसिले में 31 लोगों को गिरफ्तार किया है। हिंसा में 24 पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं।
क्या है पूरा मामला?
मालूम हो कि 27 जून, मंगलवार को फ्रांस की राजधानी पेरिस के उपनगर नैनटेरे में ट्रैफिक नियम तोड़ने पर एक किशोर को पुलिसकर्मी ने गोली मार दी थी। किशोर को नजदीक से सीने में गोली मारी गई थी। मामले पर पहले पुलिस ने कहा कि युवक ने पुलिसकर्मियों पर गाड़ी चढ़ाने की कोशिश की, जिस पर पुलिस ने गोली चला दी। हालांकि इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद साफ हो गया कि पुलिस झूठ बोल रही है। जिससे लोग आक्रोशित हो गये और हिंसा पर उतर आए।
बड़ी संख्या में लोग गिरफ्तार
घटना से गुस्साए लोगों ने राजधानी पेरिस में पथराव और आगजनी शुरू कर दी है। कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया है। नैनटेरे शहर को प्रदर्शनकारियों ने आग लगा दी। हिंसा देश के अलग-अलग हिस्सों में फैल गई है। बसों में आग लगा दी गई है। फ्रांस के दक्षिणी शहर टूलूज़ में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच पथराव हुआ। पुलिस ने हिंसा के आरोप में 31 लोगों को गिरफ्तार किया है। हिंसा की घटनाओं में 24 पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं।
घटना पर राजनीति शुरू
फ्रांस में पुलिसकर्मी द्वारा एक किशोर की हत्या की निंदा हो रही है। इस घटना पर कई मशहूर हस्तियों ने दुख जताया है। सरकार ने अपने बयान में सुरक्षा बलों की भी आलोचना की है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि एक किशोर की हत्या अस्वीकार्य और अक्षम्य है। इस हत्याकांड को किसी भी तरह से उचित नहीं ठहराया जा सकता।
गौरतलब है कि फ्रांस में इस घटना के बाद पुलिस नियमों में सुधार की मांग उठ रही है। पुलिस का व्यवहार, विशेषकर जातीय अल्पसंख्यकों से निपटने में, आलोचना के घेरे में आ गया है। पिछले साल फ़्रांस में पुलिस कार्रवाई में 13 लोगों की मौत हो गई थी।