मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति होस्नी मुबारक 91 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वो काफी दिनों से बीमार चल रहे थे। खबरों के मुताबिक, कुछ ही दिन पहले उनके पेट की सर्जरी हुई थी। होस्नी मुबारक 1981 में अनवर सदत की हत्या के बाद सत्ता में आए थे।
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— Egypt Today Magazine (@EgyptTodayMag) February 25, 2020
उसके बाद उनको उप-राष्ट्रपति से राष्ट्रपति बनाया गया। उनका कार्यकाल करीब तीन दशक तक थी। उस दौरान दौरान मिस्र में कई पाबंदियां थी। पुलिस लोगों के प्रति सख्त थी। एक स्थान पर पांच से ज्यादा लोग जमा नहीं हो सकते थे। वह अपनी सत्ता के दौरान मुबारक अमेरिका के सहयोगी बने। वे इजराइल और मिस्र की दोस्ती के पक्षधर रहे।
आज से करीब नौ साल पहले 2011 में उनको सेना ने राष्ट्रपति पद से हटा दिया। उस दौरान उन्हें मिस्र में प्रदर्शनकारियों की हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया था। उन्होंने 6 साल तक जेल में सजा काटी। उसके बाद उन्हें 2017 में जमानत मिली थी। कोर्ट के तरफ से ज्यादातर मामलों में उन्हें बरी कर दिया गया था।
मुबारक सरकार के खिलाफ 2011 में लोगों ने 18 दिनों तक लगातार प्रदर्शन हुआ था। प्रदर्शन कर रहे लोगों में से 239 व्यक्तियों की हत्या हुई थी। लगातार विरोध के बाद सेना ने उन्हें पद से बेदखल कर दिया। इसके बाद तत्कालीन उप-राष्ट्रपति ओमर सुलेमान ने मुबारक के पद छोड़ने की औपचारिक घोषणा की थी।
यह जानकारी सामने आने के बाद लोगों ने पूरे मिस्र में जश्न मनाया। हुस्नी मुबारक का जन्म 4 मई, 1928 को नील डेल्टा में एक गांव में हुआ था। उनके सत्ता के दौरान मिस्र में भ्रष्टाचार, पुलिस की क्रूरता, राजनीतिक दमन और आर्थिक समस्याएं हमेशा से बनी रहीं।
मुबारक के परिवार में उनकी पत्नी सुज़ैन और उनके बेटे गमाल और अला हैं। हालांकि, हुस्नी मुबारक ने खुद को भ्रष्टाचार से दूर रखा और हमेशा कहा कि इतिहास ही उनके कार्यकाल को सही या गलत ठहराएगा। अब वे राजनीतिक रूप से सक्रिय नहीं थे। लेकिन मिस्र की राजनीति में उनका जाना बड़ी क्षति के तौर पर देखा जाएगा।