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रूस के खिलाफ लड़ने गए विदेशी नागरिकों को मिली मौत की सजा

पिछले चार महीनों से जारी रूस- यूक्रेन युद्ध थमने के बजाए बढ़ता ही जा रहा है। इस युद्ध में अब तक कई लोगों की जान जा चुकी है इस बीच रूस के खिलाफ युद्ध में यूक्रेन की मदद के लिए गए ब्रिटेन के 2 और मोरक्कन का1 कुल तीन लोगों को डोनबास इलाके में मौत की सजा सुनाई गई है। जिससे युद्ध चर्चाओं में आ गया है।

यह सजा रूस समर्थन वाले यूक्रेन के डोनबास इलाके में लगी रूस की एक अदालत ने सुनाई है। हालांकि जिस अदालत ने यह सजा सुनाई है उसे अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त नहीं है। यह अदालत उस डोनेत्स्क गणराज्य में है जिसने रूस के समर्थन से अपने आपको स्वतंत्र घोषित कर दिया है।इस पर रूसी मीडिया ने कहा कि ब्रिटेन के नागरिकों एडन आसलिन और शॉन पिनर व मोरक्को के रहने वाले ब्राहिम सौदून पर पेशेवर कातिल होने के आरोप लगाए गए थे।आरआईए नोवोस्ती ने कहा कि तीनों लोगों पर पेशेवर हत्या, सत्ता हासिल करने के लिए हिंसा और आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने के लिए ट्रेनिंग लेने जैसे संगीन आरोप थे।

वहीं दोनों ब्रिटिश नागरिकों के परिवारों का दावा है कि ये लोग यूक्रेन की सेना के ही सदस्य हैं और लंबे समय से सेवारत हैं। रूस की टैस न्यूज एजेंसी के मुताबिक इन लोगों के वकीलों ने कहा है कि वे फैसले के खिलाफ अपील करेंगे।यूनाइटेड किंग्डम और यूक्रेन ने इस फैसले की आलोचना की है और इसे युद्ध अपराधियों की सुरक्षा करने वाले अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन बताया है। ब्रिटिश सरकार ने कहा कि दोनों नागरिकों को मौत की सजा सुनाए जाने को लेकर वह काफी चिंतिति हैं ।प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि दोनों लोगों को रिहा कराने के लिए यूक्रेन के साथ मिलकर काम किया जा रहा है।

इस मामले पर जानकारों का कहना है कि युद्ध में अपराधियों का इस्तेमाल राजनीतिक लाभ के लिए नहीं किया जाना चाहिए। इन्होंने जेनेवा कन्वेंशन की ओर इशारा किया जिसके तहत युद्ध अपराधियों को माफी का प्रावधान है। ब्रिटेन की विदेश मंत्री लिज ट्रस ने भी अदालत के इस फैसले की निंदा की है। ट्रस ने कहा,मेरी संवेदनाएं परिवारों के सात हैं। उन्हें मदद देने के लिए हम हर संभव कोशिश कर रहे हैं। ब्रिटिश मीडिया के मुताबिक ट्रस इस मामले पर यूक्रेन के विदेश मंत्री से फोन पर बात करेंगी । संभावना जताई जा रही है कि ब्रिटेन में कैद कुछ रूसी लोगों के बदले इन दोनों ब्रिटिश नागरिकों को रिहा कराया जा सकता है। इसके साथ ही विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष टॉम टूजेनहाट ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन पर बदले की भावना से कार्रवाई करने और लोगों का अपहरण करने का आरोप लगाया है। उन्होने यह भी कहा,यह कोई देश नहीं है। यह कोई अदालत नहीं है। वे जज नहीं, आम लोग हैं जो लिबास पहनकर न्यायाधीश होने का स्वांग रच रहे हैं। सच्चाई यह है कि यह एक बेहद क्रूर कार्रवाई है जो तरह निर्दोष लोगों के खिलाफ की गई है।

असलिन जिस इलाके के रहने वाले हैं वहां के सांसद रॉबर्टन जेनरिक ने सरकार से मांग की है कि यूके में रूस के राजदूत को विदेश मंत्रालय में तलब किया जाए। उन्होंने कहा कि रूस ने अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन किया है। ब्रिटेन का कहना है कि जो भी विदेशी नागरिक यूक्रेन में युद्धरत थे और पकड़े गए हैं, उन सभी को अंतरराष्ट्रीय कानून में युद्ध के दौरान पकड़े गए सैनिकों को मिलने वाली सुरक्षा का अधिकार है और उनके साथ अमानवीय व्यवहार नहीं किया जा सकता है।

गौरतलब है कि,24 फरवरी को रूस द्वारा हमला किए जाने के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने दूसरे देशों से अपने यहां आकर लड़ने की अपील की थी। उसके बाद 16 हजार से अधिक वॉलंटियर वहां पहुंच गए थे

 

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