कोरोना वायरस से पूरी दुनिया की पिछले एक साल से जंग जारी है। इस महामारी की वैक्सीन कई देशों में तैयार होने के बाद टीकाकरण भी जोरों पर चल रहा है ,लेकिन कई देशों में ऑक्सफोर्ड की एस्ट्राजेनेका वैक्सीन को लेकर हंगामा मचा है। फ्रांस, स्पेन, इटली और जर्मनी ने इसके इस्तेमाल पर फिलहाल रोक लगा दी है। इनका कहना है कि वैक्सीन के इस्तेमाल से लोग ब्लड क्लॉटिंग की शिकायत कर रहे हैं। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इन देशों से अपील की है कि वो वैक्सीन के इस्तेमाल पर रोक न लगाएं। WHO के मुताबिक ये वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है।
WHO के प्रवक्ता क्रिश्चन लिंडिमायर का कहना है कि उनकी टीम वैक्सीन को लेकर मिली ले शिकायत की जांच कर रही है। साथ ही उन्होंनें ये भी कहा कि फिलहास ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला है जिससे ये कहा जाय कि ऑक्सफोर्ड की एस्ट्राजेनेका वैक्सीन सुरक्षित नहीं है। इस बीच ब्रिटेन ने भी कहा है कि वैक्सीन से ब्लड क्लॉटिंग की कोई शिकायत नहीं मिली है। वैक्सीन को लेकर आज 17 मार्च को WHO की बैठक भी होनी है।
बता दें कि यूरोप में कई दशों से वैक्सीन लेने के बाद ब्लड क्लॉटिंग की रिपोर्ट आई है, लेकिन एक्सपर्ट का कहना है कि फिलहाल वैक्सीन को ब्लड क्लॉटिंग से जोड़ कर नहीं देखा जाना चाहिए। यूरोपिय संघ के देश और ब्रिटेन में अब तक करीब 17 लाख लोगों को वैक्सीन की डोज़ दी गई है। इनमें से सिर्फ 40 ऐसे केस आए हैं जहां लोगों ने ब्लड क्लॉटिंग की शिकायक की है।
वैक्सीन के इस्तेमाल पर रोक
इटली के दवा नियंत्रक ने कल 16 मार्च को एहतियाती कदम उठाते हुए एस्ट्राजेनेका के कोविड-19 रोधी टीके के इस्तेमाल पर अस्थायी रोक लगा दी है। इटली ने कहा कि यह फैसला अन्य यूरोपीय देशों की ओर से उठाए गए कदमों के मद्देनजर लिया गया है। इटली के उत्तरी पिडमोंट क्षेत्र में 57 वर्षीय एक शिक्षक ने शनिवार 13 मार्च को टीका लगवाया था और रविवार 14 मार्च की सुबह उसकी मौत हो गई। इस मामले सहित अन्य ऐसे मामलों में शवों को परीक्षण के लिए भेजा गया है। फ्रांस और जर्मनी ने भी सोमवार 16 मार्च को टीके के इस्तेमाल पर अस्थायी रोक लगा दी है।