राफेल लड़ाकू विमान उड़ाने वाली भारतीय वायु सेना की पहली महिला पायलट ‘शिवांगी सिंह’ फ्रांस में बहुराष्ट्रीय अभ्यास ओरियन में भाग लेने वाली भारतीय वायु सेना की टुकड़ी का हिस्सा बनी हैं। भारतीय वायुसेना के अधिकारियों ने कहा कि अधिकारी मल्टीनेशनल अभ्यास में भाग लेने के लिए फ्रांस में हैं। फ्रांस में चल रहे इस अभ्यास मेले में भारत ने देश के बाहर पहली बार अपने राफेल विमान भेजे हैं।
भारतीय वायुसेना ने इस साल जनवरी में अंतरराष्ट्रीय अभ्यास के लिए पहली बार एक महिला लड़ाकू पायलट को भेजा है। शिवांगी सिंह 2017 में भारतीय वायु सेना में शामिल हुईं और भारतीय वायुसेना के महिला लड़ाकू पायलटों के दूसरे बैच में इन्हे भेजा गया है। राफेल उड़ाने से पहले शिवांगी ने मिग-21 बाइसन विमान भी उड़ाया था। शिवांगी वाराणसी की रहने वाली हैं और पंजाब के अंबाला में स्थित भारतीय वायु सेना के गोल्डन एरो स्क्वाड्रन का हिस्सा हैं। वर्ष 2020 में, शिवांगी सिंह एक कठोर चयन प्रक्रिया के बाद राफेल पायलट के रूप में चुने जाने के बाद राफेल उड़ाने वाली पहली महिला फाइटर पायलट बनी हैं।
भारत के 6 विमान
फ्रांस के मॉन्ट डे मार्सन सैन्य अड्डे पर करीब तीन सप्ताह के बहुराष्ट्रीय हवाई अभ्यास के लिए भारत चार राफेल जेट, दो सी-17 विमान और दो आईएल-78 विमान भेजे गए। भारतीय वायुसेना में शामिल किए गए राफेल विमानों के लिए यह पहला विदेशी अभ्यास है जिसके द्वारा सेनाओं को कुछ नई चीज़ें सिखाई जाएँगी। इस अभ्यास में भारत और फ्रांस के अलावा जर्मनी, यूनान, इटली, नीदरलैंड, ब्रिटेन, स्पेन और अमरीका की वायुसेना ने भी भाग लिया है। इस अभ्यास के दौरान होने वाली भागीदारी अन्य देशों की वायु सेनाओं से सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों को आत्मसात करके भारतीय वायुसेना की कार्यशैली तथा धारणा को और समृद्ध कर सकेंगे।