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जानें, क्यों बदला चीन ने हॉन्गकॉन्ग का 7000 साल पुराना इतिहास

साल 1997 में ब्रिटेन का हॉन्ग कॉन्ग पर से दावा पूरी तरह से खत्म हो गया था। हॉन्ग कॉन्ग वापस चीन को दे दिया गया। लेकिन इसके साथ एक समझौता भी था। समझौते के तहत ये तय हुआ कि चीन को हॉन्ग कॉन्ग के लिए एक अलग व्यवस्था करनी होगी। इसके तहत चीन अगले 50 साल तक हॉन्ग कॉन्ग को राजनैतिक तौर पर आजादी देने के लिए राजी हुआ था। इसे कहा गया वन कंट्री, टू सिस्टम्स. इसके तहत हॉन्ग कॉन्ग के लोगों को कुछ खास मुद्दों पर आजादी हासिल होनी थी, जनसभाएं करने का अधिकार था, अपनी बात कहने का अधिकार था, स्वतंत्र न्यायपालिका का अधिकार था और अपना राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करने का अधिकार था, जो चीन के लोगों को हासिल नहीं था। इसका पालन करते हुए चीन ने तब हॉन्ग कॉन्ग को विशेष प्रशासनिक क्षेत्र का दर्जा दे दिया।  लेकिन ये सब सिर्फ कहने सुनने की बातें थीं। असली खेल कुछ और ही था, जो चीन हॉन्ग कॉन्ग में खेल रहा था। लेकिन चीन ने अब हॉन्ग-कॉन्ग के इतिहास को ही बदल दिया है। हॉन्ग कॉन्ग में चीन ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को लागू कर दिया है। पंरतु वहीं दूसरी तरफ चीन को इस बात का डर कि अगर हॉन्गकॉन्ग के युवाओं ने बगावत शुरू कर दि तो चीन के लिए मुश्किल हो सकती है। इसलिए चीन ने युवाओं को अपने पक्षधर करने के लिए हॉन्ग-कॉन्ग के स्कूलों और कॉलेजों में चीन के प्रति वफादारी को पाठ पढ़ाना शुरू कर दिया है।

हॉन्गकॉग के युवाओं को अपने पक्ष में करने के लिए जिनपिंग ने हॉन्गकॉन्ग के इतिहास में बदलाव कर दिया है। उन्होंने हॉन्गकॉन्ग के 7000 साल पुराने इतिहास को हटा दिया और उसकी जगह 100 मिलियन डॉलर खर्च करके नया इतिहास लिखवा दिया है। इनमें से एक किताब 700 पेजों की है जिसमें चीन का गुणगान किया गया है। इतना ही नहीं चीन ने नई किताबों में चीन को हॉन्गकॉन्ग का रक्षक बताया है। इन किताबों में चीन की पीपुल लिबरेशन आर्मी और ग्रेट वॉल ऑफ चाइना समेत प्रमुख साइट्स के बारे में बताया गया है। इतिहास को बदलने के पीछे सबसे बड़ा कारण यह है कि 2019 में चीन के विरोध में काफी भंयकर प्रदर्शन हुए थे। चीन इसके पीछे हॉन्गकॉन्ग की शिक्षा व्यवस्था को दोषी ठहराता है। क्योंकि प्रदर्शन में छोटे बच्चों ने भी हिस्सा लिया था। चीन का मानना है कि शिक्षा व्यवस्था के कारण ही बच्चें कट्टरपंथी बन रहे है। किताबों में खुद का गुणगान करके चीन हॉन्गकॉन्ग के बच्चों में खुद को हीरो बताएगा।

इन किताबों के जरिए बच्चे देश की सुरक्षा के नाम पर चीन के प्रति देशप्रेम सीखेंगे। यानी वे कुल मिलाकर चीन से विद्रोह न करने की सीख लेंगे। एक रिपोर्ट में बताया गया है कि सिर्फ हॉन्गकॉन्ग ही नहीं, बल्कि मकाऊ के लोग भी खुद को चीन का हिस्सा मानने का पाठ सीखेंगे। हांगकांग में लोकतंत्र के समर्थन तथा अधिकारों की मांग को लेकर जून 2019 से शुरू हुआ विरोध-प्रदर्शन अब भी थमा नहीं है।

चीन द्वारा लागू विवादास्पद राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के खिलाफ हांगकांग में अब भी प्रदर्शनों का दौर जारी है। बीते महीनों में हांगकांग पुलिस द्वारा ने लाई समेत को लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया है। साल 2019 जून में चीन के अर्द्ध स्वायत्त क्षेत्र में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू किए जाने के बाद से हांगकांग में कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई तेज हो गई है। लोकतंत्र के समर्थन में तथा ज्यादा अधिकारों की मांग को लेकर प्रदर्शन तेज होने के बावजूद चीन द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू किया गया।

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