अफगानिस्तान में हत्या, हमले, बमबारी, जैसी घटनाएं होती रहती है। यहां आंतकवाद का संबंध पिछले काफी समय से रहा है। इंसानी मौतें यहां आम बात होती जा रही है। हाल ही में एक महिला पत्रकार की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। महिला पत्रकार का नाम मलाला माएवंद था। वह अपने काम के सिलसिले में जलालाबाद जा रही थी, तभी कुछ हथियारबंद लोगों ने उनकी गाड़ी हमला कर दिया, हमले में उनके ड्राइवर और पत्रकार दोनों की मौत हो गई। इस हमले में कौन शामिल था, अभी तक किसी भी समूह ने अधिकारिक तौर पर इसकी जिम्मेदारी नहीं ली है।
मलाला अफगानिस्तान के एनिकास टीवी एंड रेडियो पर पत्रकार थी। प्रांत के गवर्नर के प्रवक्ता अताउल्ला खोगियानी ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि पत्रकार की हत्या करने के बाद हत्यारे इलाके से भागने में सफल रहे। एक पत्रकार के साथ-साथ मलाला एक सिविल सोसाइटी की एक्टिविस्ट भी थी। वह अक्सर महिला पत्रकारों के सामने मौजूदा चुनौतियों पर खुलकर बोलती थी। पांच साल पहले उनकी मलाला की मां की हत्या भी अनजान लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। उनकी मां भी एक सोशल एक्टिविस्ट थी। अब अज्ञात लोगों ने मलाला की गोली मारकर हत्या कर दी है। अफ़ग़ानिस्तान में ब्रिटेन की राजदूत एलिसन ब्लेक ने माएवंद की हत्या की निंदा की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि “हम पत्रकार मलाला माएवंद और उनके ड्राइवर की हत्या की निंदा करते हैं। हमें प्रेस की आज़ादी को बरक़रार रखने के लिए एकजुट होना होगा। उनकी मौतों की जाँच होनी चाहिए और हत्यारों को इस घृणित कृत्य की सज़ा मिलनी चाहिए।”
नैटो और यूरोपियन यूनियन ने एक बयान जारी कर कहा था कि अफगानिस्तान में निशाना बनाकर हत्याएं की जा रही है। अफ़ग़ानिस्तान में मीडिया को सपोर्ट करने वाले संगठन ने अपने बयान में कहा है, “मलाला की हत्या के साथ ही महिला पत्रकारों के लिए काम करना और मुश्किल भरा हो गया है और पत्रकार अब पहले की तरह से शायद अपना काम नहीं कर पाएंगे।” हत्या की घटनाएं ऐसे वक्त में हो रही हैं जब अफगान सरकार और तालिबान के बीच शांति बहाली को लेकर बातचीत चल रही है।