भारत में किसानों के आंदोलन का मुद्दा अब विदेश में भी उठ रहा हैं इसको लेकर बुधवार को ब्रिटिश संसद में लेबर पार्टी के सिख सांसद तनमनजीत सिंह ने एक बार फिर से यह मुद्दा उठाया. तनमनजीत सिंह ब्रिटेन में मोदी सरकार की नीतियों की आलोचना को लेकर मुखर रहे हैं. उन्होंने नागरिकता संशोधन क़ानून यानी सीएए का मुद्दा भी ब्रिटिश संसद में उठाया था. I तनमनजीत सिंह भारत में किसानों के प्रदर्शन को लेकर ब्रिटेन में काफ़ी सक्रिय हैं. उन्होंने किसानों के समर्थन में 35 अन्य सासंदों से एक पत्र पर हस्ताक्षर भी करवाए हैं. किसानों का मुद्दा उठाना तो ठीक हैं लेकिन ब्रिटिश प्रधानमंत्री को इस मुद्दे की कोई जानकारी ही नहीं हैं
Many were horrified to see water cannon, tear gas and brute force being used against farmers peacefully protesting in India about #FarmersBill2020.
Everyone has the fundamental right to protest peacefully.
But it might help if our PM actually knew what he was talking about! pic.twitter.com/EvqGHMhW0Y
— Tanmanjeet Singh Dhesi MP (@TanDhesi) December 9, 2020
बोरिस जॉनसन के जवाब की उन्होंने ट्विटर पर आलोचना की है. तनमनजीत सिंह ने लिखा है, ”अगर हमारे प्रधानमंत्री को पता होता कि वो किस बारे में बात कर रहे हैं तो अच्छा होता.”
ब्रिटेन में एक सिख समूह के नेता गुरपतवंत सिंह ने ब्रिटिश अख़बार द गार्डियन से कहा है, ”हम इस बात से बहुत निराश हैं कि हमारे प्रधानमंत्री भारत में किसानों के आंदोलन और भारत-पाकिस्तान के बीच सीमा विवाद में कन्फ्यूज हैं. लोगों की ज़िंदगी जोखिम में है और प्रधानमंत्री को इस पर ध्यान देना चाहिए. पंजाब में हालात ठीक नहीं हैं. किसानों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन को जबरन कुचला जा रहा है.”
ब्रिटेन सरकार ने भारत में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है. फॉरन कॉमनवेल्थ एंड डेवलपमेंट ऑफिस ने इसे आंतरिक मामला बताते हुए कहा है कि ये भारत सरकार का मसला है.