भारतीय बैंकों के कई हजार करोड़ लेकर भागा शराब करोबारी विजय माल्या अभी इंग्लैंड में है। भारत ने उसके प्रत्यर्पण की कोशिश तेज कर दी है। माल्या के भाग जाने के बाद मोदी सरकार की बहुत किरकिरी हुई है और 2019 में विपक्ष इस बात को फिर से कुरेदेगा। इससे सरकार का नुकसान हो या न हो लेकिन अगर वह माल्या को देश वापस लाकर सजा दिलवा देते हैं तो इसका फायदा 2019 में उनको जरूर मिलेगा।
यही वजह है कि सरकार अपनी पूरी कोशिश कर रही है कि जल्द से जल्द माल्या को देश में वापस लाकर कार्यवाही शुरू की जाए। लेकिन अब सरकार और माल्या के बीच इंग्लैंड की अदालत आ गई है। प्रत्यर्पण के केस की सुनवाई कर रही अदालत ने इस मामले पर सुनवाई 12 सितंबर तक रोक दी है। इस बीच अदालत ने भारत सरकार से उस जेल की विडियो मांगी हैं जिसमें वह विजय माल्या को सुनवाई के दौरान रखेंगे। वास्तव में अदालत यह सुनिश्चित कर लेना चाहती है कि भारत की सरकार माल्या को उनके केस की सुनवाई के समय जिस जेल में रखेंगे उस जेल में मूलभूत सुविधाएं हैं भी या नहीं।
इसी बीच माल्या ने भी प्रेस वालों से बात की। उन्होंने साफ कहा कि मुझ पर लगाए जा रहे मनीलॉडरिंग और धोखाधड़ी जैसे आरोप बेबुनियाद हैं। मैंने बैंको से कर्ज लिया है और वह मैं चुका दूंगा। उन्होंने बताया कि वह कर्नाटक की अदालत में सेटेलमेंट की पेशकश कर चुके हैं। उन्होंने कोर्ट से आग्रह किया कि वह अपनी निगरानी में उनकी संपत्तियों को बेच दे और उससे बैंकों का पैसा चुका दे। मनी लांडरिंग और पैसे चुराने वाली बात पर उनकी प्रतिक्रिया थी कि ये बातें बिल्कुल गलत हैं ऐसा कुछ भी नहीं है। मैंने इससे संबंधित सारी चीजें कोर्ट को सौंप दी हैं और आशा करता हूं कि जल्द ही सबकुछ एकदम साफ हो जाएगा।
इससे पहले विजय माल्या की एयर लाइन्स कंपनी किंगफिशर भी घाटे में आने के कारण बंद हो गई थी। यह कंपनी दीवालिया घोषित कर दी गई थी। इनमें काम कर रहे कर्मचारियों के पैसे अभी भी कंपनी पर बाकी हैं। इस पर भी सरकार की नजर है और वह इस बार माल्या को लाकर देश की एक एक पाई का हिसाब किताब करने के मूड में है।