अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार 14 सितम्बर को हाउसिंग और एक्सपोर्ट सेक्टर के लिए कई ऐलान किए। देशभर में अटके पड़े ऐसे अफोर्डेबल और मिडिल क्लास हाउसिंग प्रोजेक्ट जो एनपीए नहीं हैं उन्हें स्पेशल विंडो के जरिए मदद देने का फैसला किया है । ऐसे प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए अलग फंड बनाया जाएगा।
सरकार इसमें 10 हजार करोड़ रुपए का योगदान देगी। इतनी ही रकम अन्य निवेशक देंगे।इनमें एलआईसी, कुछ अन्य संस्थान, बैंक और सॉवरेन फंड शामिल होंगे। इस योजना से देशभर में अटके 3.5 लाख घरों को पूरे करने में मदद मिलेगी। एक महीने के भीतर यह तीसरा मौका है, जब वित्त मंत्री ने अर्थव्यस्था को गति देने के लिए ऐलान किए हैं। इससे पहले उन्होंने 30 अगस्त को बैंकों के विलय और 23 अगस्त को विदेशी निवेशकों को राहत देने वाले ऐलान किए थे।
फेडरेशन ऑफ़ इंडियन चैम्बर्सस ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) ने वित्त मंत्री द्वारा उठाए गए कदमों का स्वागत किया है। सीतारमण ने निर्यात और रेजिडेंशियल क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए शनिवार को 60,000 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की है।
फिक्की के प्रेसिडेनट संदीप सोमानी ने कहा कि, “नए उपायों से भारतीय अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिलेगा जो कि सुस्ती के दौर से गुजर रही है।” सोमानी ने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना का लक्ष्य हासिल करने की दिशा में सस्ते आवास के लिए बाहरी कमर्शियल लैंडिंगस गाइडलाइन्स को नरम बनाए जाने और 10 साल की सरकारी सिक्यूरिटियों के अनुरूप हाउसिंग बिल्डिंग अलाउंस पर ब्याज दर में कटौती बड़ा कदम है।