ट्रंप व्हाइट हाउस के ईस्ट रूम में मीडिया से बात करते समय चीन पर जमकर बरसे। ट्रंप की मानें तो चीन चाहता है कि पूर्व उप-राष्ट्रपति बिडेन नवंबर में अमेरिका के अगले राष्ट्रपति चुने जाएं। बिडेन डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवारी हासिल करने की ओर बढ़ रहे हैं। ट्रंप के शब्दों में, “चीन यह नहीं चाहता है कि मैं चुनाव जीत पाऊं और इसकी वजह है कि हमें उनसे हर माह कई बिलियन डॉलर मिल रहे हैं।” ट्रंप का इशारा उस इंपोर्ट टैरिफ की तरफ था जो चीनी उत्पादों पर लगाया गया है।
उन्होंने आगे कहा, “चीन ने हमारे देश को कभी कुछ नहीं दिया। आठ वर्षों तक बिडेन चीन के इंचार्ज रहे और वह हमारे देश को लूटते रहे। बिडेन और बराक ओबामा के ऑफिस में होने पर कई वर्षों तक गलत तरीके से काम चलता रहा।” ट्रंप के मुताबिक ये सभी मुद्दे अपनी जगह हैं मगर यह वायरस किसी भी तरह से स्वीकार्य नहीं है। ट्रम्प ने एक बार फिर चीन के अलावा विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) को भी जमकर फटकार लगाई है।
ट्रंप ने कहा है कि डब्लूएचओ ने चीन की जनसंपर्क एजेंसी (पीआर एजेंसी) के तौर पर खुद को साबित कर दिया है और उसे इस बात पर शर्म आनी चाहिए। ट्रंप प्रशासन की ओर से पहले ही डब्लूएचओ के विरुद्ध कोरोना वायरस महामारी को लेकर जांच शुरू हो गई है। ट्रंप से अलग अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपेयो भी कह रहे है कि डब्लूएचओ ने महामारी पर दुनिया को बहुत धोखे में रखा है। ट्रंप बुधवार को कह चुके हैं कि डब्लूएचओ, चीन का राजदार है। अमेरिका इस संगठन के लिए अपने प्रस्ताव लेकर आएगा और साथ ही चीन पर भी एक प्रस्ताव होगा।