दुनिया भर में तुर्की के सस्ते और जानलेवा TB-2 ड्रोन की चर्चा हो रही है। हाल ही में सीरिया में इस ड्रोन की ताकत दुनिया ने देखी है। अमेरिका, रूस और ब्रिटेन सभी ड्रोन की क्षमताओं को लेकर चिंतित हैं। यह ड्रोन पिछले कुछ सैन्य अभियानों में गेम चेंजर रहा है। इतने सारे देश इस ड्रोन को अपने सैन्य बेड़े में चाहते हैं।
पिछले साल अजरबैजान और आर्मेनिया के बीच भारी लड़ाई देखी गई थी। युद्ध की शुरुआत नागोर्नो-कराबाख ने की थी। उस समय ड्रोन रूसी टैंक पर हमला कर रहा था। उस समय रूसी टैंक पूरी तरह से नष्ट हो गया था। ड्रोन का इस्तेमाल पहली बार युद्ध में किया गया था। इस युद्ध में ड्रोन के कारण आर्मेनिया को हार माननी पड़ी थी।
कुछ अमेरिकी, रूसी और ब्रिटिश सैन्य अधिकारियों ने तुर्की और चीन में ड्रोन के निर्माण को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है। ब्रिटेन के रक्षा मंत्री बेन वालेस ने सीरिया में तुर्की के ड्रोन को लेकर कड़े बयान दिए थे। उन्होंने कहा कि तुर्की में बने ड्रोन वैश्विक भू-राजनीतिक स्थिति को बदल रहे हैं।
तुर्की ड्रोन की भारी मांग
कतर और यूक्रेन सहित कई देशों ने तुर्की ड्रोन खरीदने में रुचि दिखाई है। इस ड्रोन को बाइकर कंपनी ने खरीदा है। कंपनी का दावा है कि यह ड्रोन ज्यादा खतरनाक है। बाइकर कंपनी ने 1984 में ऑटो पार्ट्स का निर्माण शुरू किया था। इसके बाद कंपनी ने एयरोस्पेस उद्योग में कदम रखा। नाटो के सदस्य पोलैंड ने पिछले साल कहा था कि वह तुर्की से 24 टीबी2 ड्रोन खरीदेगा। अन्य नाटो राष्ट्र भी ड्रोन खरीदने के लिए तुर्की के साथ बातचीत कर रहे हैं।
सस्ते ड्रोन की तरफ दुनिया का रूझान
प्रौद्योगिकी विकास और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के माध्यम से कई सस्ते विकल्प भी सृजित किए गए हैं। इसलिए तुर्की से इस घातक ड्रोन की मांग बढ़ रही है। पिछले सा तुर्की ने दुनिया में अपना पहला TB-2 सशस्त्र ड्रोन का अनावरण किया। तुर्की का TB-2 ड्रोन US MQ-9 से भारी और हल्का है। इसे चार लेजर गाइडेड मिसाइलों से लैस किया जा सकता है। यह ड्रोन 3200 किमी की रेंज में काम कर सकता है।