वर्तमान में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री भारतीय मूल के हैं और ये भारत के लिए गर्व की बात है। लेकिन इसके बावजूद आज भी ब्रिटेन के स्कूलों में भारतीय बच्चों की स्थिति खराब है। आरोप लगाया जा रहा है कि वहां के स्कूलों में भारतीय बच्चों के साथ भेदभाव का बर्ताव किया जा रहा है। हालांकि ब्रिटेन के स्कूल प्रशासन द्वारा भारतीय बच्चों के साथ होने वाले किसी भी प्रकार की भेदभावपूर्ण घटना से इंकार किया गया है। स्कूल प्रशासन का कहना कि हमारे स्कूलों में किसी भी तरह के भेदभाव या हेट स्पीच के लिए कोई जगह नहीं है। हम इन आरोपों की गंभीरता को समझते हैं और अपने सदस्यों के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करेंगे कि उचित कार्रवाई की जाए।
हालही में किये गए एक अध्ययन के में यह पाया गया है कि ब्रिटेन के स्कूलों में हिन्दू बच्चों के साथ भेदभाव की झलक मिलती है। बच्चों को घृणास्पद टिप्पणियों से लेकर हिंसा तक का सामना करना पड़ रहा है। रिपोर्ट में देखा गया है गया है कि पिछले साल दुबई में हुए क्रिकेट मैच में भारत के हाथों पाकिस्तान की हार के बाद हुई हिंसा के कारण ब्रिटेन के स्कूलों में भेदभाव बढ़ा है। रिपोर्ट में देखा गया है गया है कि पिछले साल दुबई में हुए क्रिकेट मैच में भारत के हाथों पाकिस्तान की हार के बाद हुई हिंसा के कारण ब्रिटेन के स्कूलों में भेदभाव बढ़ा है।
भारतीय बच्चों के साथ बुरा व्यवहार
अध्ययन में बच्चों के बयां को भी जोड़ा गया है जिसमें एक बच्चे का कहना है कि उसे उसी की कक्षा के एक बच्चे ने पाकी अर्थात पाकिस्तानी और आतंकवादी कहा। वहीं एक दूसरे बालक ने बताया कि उसे उसके सहपाठियों ने कहा की वापस भारत चले जाओ।अध्ययन के अनुसार 51 प्रतिशत हिन्दू बच्चों के माता पिता इस बात से सहमत थे कि ब्रिटेन के स्कूलों उनके बच्चों के साथ भेदभाव किया जाता है। हिंदू समुदाय के बच्चों को यहां शाकाहारी कहकर परेशान करते हैं। स्कूलों में उनके देवी-देवताओं को अपमान किया जाता है। रिपोर्ट में भारतीय राजनीति के विषय में कहा गया है कि, भारत में राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों के लिए हिंदुओं को जिम्मेदार ठहराना ठीक इजरायल में यहूदियों को और 9/11 के बाद मुसलमानों को निशाना बनाने जैसा है।
बनाए जाने चाहिए नियम
रिपोर्ट के अनुसार ब्रिटेन के स्कूलों को भेदभाव की इस समस्या को खत्म करने के लिए सख्त नियम बनाये जाने चाहिए। स्कूल के कर्मचारियों को शिक्षित किया जाना चाहिए। विविधता और समेकन बढ़ाया जाना चाहिए और हेट स्पीच के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। रिपोर्ट में यह सलाह भी दी गई है कि इस भेदभाव कम करने के लिए सरकार को सख्त कदम उठाने चाहिए। साथ ही स्कूलों में उचित नीतियां बनाए जाने की भी जरूरत है। ब्रिटेन के हिंदू काउंसिल ने अपना बयान जारी कि स्कूलों में ऐसी हिंदू विरोधी घटनाएं चिंता की बात हैं। हम सरकार और स्कूलों से आग्रह करते हैं तुरंत कुछ उपाय करें ताकि हिंदू छात्रों और शिक्षकों को हर तरह के भेदभाव से सुरक्षित रखा जाए।