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सूडान सेना के प्रमुख ने की संयुक्त राष्ट्र के दूत को हटाने मांग

सूडान में सैन्य और अर्द्धसेनाबल के बीच जारी गृहयुद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है। जिसके कारण वहां बसे विदेसी नागरिकों सहित स्थानीय नागरिक भी देश छोड़ रहे हैं। इसी बीच सेना के प्रमुख अब्देल फतेह बुरहान ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को पत्र लिखकर संयुक्त राष्ट्र में तैनात सूडान के राजदूत ‘वोल्कर पर्थेस’ को हटाने का मांग करते हुए किसी और की तैनाती की मांग की गई है। जो सूडान में महत्वपूर्ण मध्यस्थ की भूमिका निभा रहे हैं।

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख के प्रवक्ता ने का कहना है कि बुरहान के इस पात्र को पढ़कर गुटेरेस ने हैरानी जताई है। गुतरेस ने पर्थेस द्वारा सूडान में किए गए कार्यों पर गर्व जताते हुए विशेष दूत पर अपना पूर्ण विश्वास जताया है। क्योंकि पार्थेस ने हमेशा सूडान में लोकतांत्रिक व्यवस्था कायम करने का प्रयास किया है। साथ ही पिछले महीने सैन्य प्रतिद्वंद्वियों के बीच तनाव बढ़ने के बाद शुरू हुई लड़ाई में भी मध्यस्थ अहम भूमिका निभाई है। लेकिन सूडान सेना के एक अधिकारी का कहना है कि बुरहान ने गुटेरेस को पत्र लिखते हुए पर्थेस को हटाने का अनुरोध किया है। साथ ही उनपर पक्षपातपूर्ण होने का आरोप लगते हुए कहा कि, पार्थेस के दृष्टिकोण ने जनरलों और लोकतंत्र समर्थक आंदोलनकारियों के बीच युद्ध से पहले हुई वार्ता में संघर्ष को भड़काने का काम किया था। उस वार्ता का उद्देश्य देश में लोकतंत्र बहाल करना था, जो अक्टूबर 2021 में हुए सैन्य तख्तापलट के कारण पटरी से उतर गया था। इसके अलावा बीते साल भी बुरहान ने पर्थेस पर संयुक्त राष्ट्र के आदेश से अलग जाने और सूडानी मामलों में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया था।

 

सूडान में क्या चल रहा है

 

दुनिया के सबसे गरीब देशों में शामिल उत्तरीपूर्वी देश सूडान में पिछले कुछ समय से सेना और अर्धसैनिक बल के बीच खूनी जंग जारी है। सैन्य प्रशासक अब्देल फतह अल बुरहान और अर्धसैन्य बल आरपीएफ मिलीशिया के प्रमुख जनरल मोहम्मद हमदान दगालो की वजह से चल रहे इस संघर्ष में अब तक सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है जबकि हजारों लोग घायल हैं। सूडान में छिड़ी इस जंग का एक कारण वहां पाया जाने वाला सोना भी है। दरअसल सूडान में 40 हजार स्थानों पर सोने का खनन होता है। देश के 13 प्रांतों में सोने का शोधन करने वाली 60 कंपनियां हैं। साल 2017 में इन खद्दानों पर अर्धसैनिक बल आरएसएफ मिलीशिया ने कब्जा कर लिया। जनरल मोहम्मद हमदान दगालो वर्तमान में सूडान के इसी अर्ध सेना बल (आरएसफ) के प्रमुख हैं। सूडान में अक्टूबर 2021 में नागरिकों और सेना की संयुक्त सरकार का तख्तापलट हुआ था। जिसके बाद सूडान की सत्ता दो प्रमुख लोगों आरएसफ के मुखिया मोहम्मद हमदान दगालो और सेना प्रमुख अब्देल फतह अल बुरहान में बंट गई। बीते वर्ष अक्टूबर 2022 में दोनों ही सेनाओं ने सहमति बनाते हुए एक नागरिक सरकार के गठन करने की योजना बनाई। जिसमें यह तय किया गया कि सोने का सारा उत्पादन चुनी हुई सरकार को हस्तांतरित कर दिया जाएगा। लेकिन जनरल मोहम्मद हमदान दगालो की बढ़ती ताक़त को देखते हुए सैन्य शासक जनरल अल बुरहान के करीबी लोगों ने अर्धसैनिक बल की गतिविधियों को अपने नियंत्रण में लेने की कोशिश शुरू कर दी। सेना का कहना है कि अर्धसैनिक बल सेना के अंतर्गत ही आता है इसलिए उसे सेना में शामिल कर लेना चाहिए। जिसके कारण सेना के खिलाफ जनरल दगालो का गुस्सा भड़क उठा और आरएसफ ने 15 अप्रैल 2023 को सेना के शिविरों पर हमला करना शुरू कर दिया। तब से यह मामला थम नहीं पाया है। हिंसा इतनी बढ़ गई है कि लोगों की बुनियादी जरूरतें भी पूरी नहीं हो पा रही हैं।

 

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