उत्तर कोरिया शासक किम जोंग उन के स्वास्थ्य को लेकर बना रहस्य कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। कुछ दिनों उनके सार्वजानिक रूप से दिखाई न देने पर उनके स्वास्थ्य को लेकर कई अटकलें लगाई जा रही हैं। अमेरिका और साउथ कोरिया के साथ दुनिया के बहुत से देशों की मीडिया में किम जोंग के स्वास्थ्य को लेकर कई तरह के दावे किए गए थे। इसी बीच चीन ने भी अपने डॉक्टरों की एक टीम उत्तर कोरिया भेजी है।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के बीमार होने की खबरों के बीच चीन से डॉक्टरों की एक टीम कोरिया भेजी गई है। रॉयटर्स की ओर से यह खबर सूत्रों के हवाले से दी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के इंटरनेशनल लायजन डिपार्टमेंट के एक सीनियर नेता के नेतृत्व में बीजिंग से उत्तर कोरिया के लिए यह टीम जा चुकी है। जबकि शासक के स्वास्थ्य के बारे में अंदर की खबर अभी तक नहीं मिल पाई है। अब यह देखना है कि मेडिकल टीम के पहुंचने के बाद वहां से क्या खबर मिलती है।
उधर चीन के विदेश मंत्रालय ने भी इस बार पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। समाचार एजेंसी के अनुरोध करने पर भी मंत्रालय की तरफ से कोई बयान सामने नहीं आया है। इससे पहले भी सियोल स्थित एक वेबसाइट के हवाले से यह कहा गया था कि किम जोंग उन का स्वास्थ्य ठीक नहीं है हालांकि, तब भी उनकी सेहत के बारे में पूरी तरह से जानकारी नहीं दी गई थी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कार्डियोवस्क्यूर डिजीज के कारण किम जोंग का लंबे समय से इलाज चल रहा था। इसके बाद भी उनकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई थी। इसे लेकर कुछ ही दिनों में साउथ कोरिया और अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट्स में भी दो तरह के दावे किए गए थे। मीडिया रिपोर्ट्स में अमेरिकी खुफिया सूत्रों के हवाले से लिखा गया है, “किम जोंग या तो कोमा में हैं या फिर ब्रेन डेड हो गए हैं।” वहीं साउथ कोरिया के खुफिया सूत्रों के हवाले से मीडिया ने लिखा है, “किम जोंग की हार्ट सर्जरी चल रही थी। फिलहाल उनकी गंभीर हालत के बारे में किसी को जानकारी नहीं है।”
दक्षिण कोरिया की प्रमुख वेबसाइट डेली एनके ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि किम जोंग उन को 12 अप्रैल को कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम प्रोसिजर दिया गया है। न्यूज साइट के अनुसार, किम जॉन को स्मोकिंग, मोटापे और ज्यादा काम करने की वजह से कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम पर रखा गया था। उनका इलाज अब ह्यांगसान काउंटी के एक विला में किया जा रहा है।
ट्रंप ने खबर को बताया फर्जी
किम जोंग की खराब सेहत को लेकर फैली अफवाहों के मध्य अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 21 अप्रैल, मंगलवार को व्हाइट हाउस समाचार सम्मेलन में कहा, “मैं आशा करता हूं कि किम ठीक हो जाएंंगेे। मेरा किम जोंग के साथ बहुत अच्छा संबंध रहा है और मैं उनको अच्छा करते देखना चाहूंगा। हम जरूर देखना चाहेंगे कि वह कैसे हैं. फिलहाल ऐसी रिपोर्ट के बारे में हमें कोई जानकारी नहीं है।”
इससे पहले भी दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति भवन ब्लू हाउस ने रॉयटर्स के हवाले से बताया कि 36 साल के किम जोंग उन के स्वास्थ्य को लेकर उत्तर कोरिया से भी कोई असामान्य संकेत नहीं मिला है। ऐसे में किम जोंग के स्वास्थ्य को लेकर कई प्रकार की अटकलें लगाना सही नहीं है।
15 अप्रैल को अपने दादा के जन्मदिन के समारोह में किम जोंग उन शामिल नहीं हुए थे। ये समारोह देश के लिए साल के सबसे बड़े आयोजनों में से एक होता है। किम जोंग उन के दादा जी उत्तर कोरिया के संस्थापक थे। किम जोंग उन इस कार्यक्रम में न गए हो ऐसा कभी नहीं हुआ है। ये असंभव है कि वे इस कार्यक्रम में आने से मना करें। इसी के बाद से उनकी ग़ैर मौजूदगी को लेकर अटकलों का दौर शुरू हुआ था। वैसे भी इसकी पुष्टि करना आसान नहीं है।
सरकारी मीडिया में भी उन्हें आख़िरी बार 12 अप्रैल को ही दिखाया गया था जब वे लड़ाकू विमानों का निरीक्षण कर रहे थे। जबकि उस हैंडआउट में कोई भी तारीख़ नहीं थी। उन तस्वीरों में भी उन्हें हमेशा की तरह बेफ़िक्र और सहज देखा जा सकता था। सरकारी मीडिया के डिस्पैच से हम यह जानते हैं कि एक दिन पहले उन्होंने एक अहम राजनीतिक बैठक की अध्यक्षता की थी। परन्तु इसके बाद से उन्हें नहीं देखा गया है।
कहाँ से शुरू हुईं अटकलें
पिछले ही सप्ताह जब उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया ने मिसाइल टेस्ट की सूचना दी थी तब भी उसमें किम जोंग के होने का कोई ज़िक्र नहीं था। जबकि ऐसे मौक़े पर उनकी तस्वीर भी दिख जाती है। अच्छे दिनों में भी उत्तर कोरिया से रिपोर्टिंग बहुत ही मुश्किल होती है। जनवरी के आखिर में कोरोना वायरस के कारण उत्तर कोरिया ने अपनी सीमाएँ बंद भी कर दी थी। ऐसे में रिपोर्टिंग करना और भी मुश्किल हो गया था। 21 अप्रैल यानी मंगलवार को ही उत्तर कोरिया से भागे लोगों की एक वेबसाइट पर किम जोंग उन के ख़राब स्वास्थ्य के बारे में दावा किया गया था। डेली एनके ने एक अज्ञात सूत्र के हवाले से दावा किया कि पिछले ही साल अगस्त से ही किम जोंग उन दिल की बीमारी से संघर्ष कर रहे हैं। माउंट पेक्टू की कई यात्राओं के बाद उनकी बीमारी बढ़ती गई।
इसी के बाद से ही कई अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने एक सूत्र के हवाले से ख़बर चलाई। साथ ही समाचार एजेंसियों ने भी फिर इस दावे को चलाना प्रारंभ किया कुछ ऐसी भी रिपोर्टें आईं कि दक्षिण कोरिया और अमरीका की ख़ुफ़िया एजेंसियां इस दावे पर नज़र रखे हुए हैं। इसी मध्य अमरीकी मीडिया में एक और सनसनीख़ेज हेडलाइन आई है कि उत्तर कोरियाई नेता हार्ट सर्जरी के बाद बेहद गंभीर हालात में हैं। जबकि दक्षिण कोरिया की सरकार के बयान और चीन की ख़ुफ़िया एजेंसी के एक सूत्र ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को कहा है कि ये सही नहीं है। परन्तु यह बात भी ध्यान देने योग्य है कि किसी ने भी इस बात से इनकार नहीं किया है कि किम जोंग उन की हार्ट सर्जरी भी हुई है।
दक्षिण कोरिया और चीन ने सिर्फ़ इस बात से इनकार किया है कि किम जोंग उन गंभीर रूप से बीमार हैं। आम तौर पर उत्तर कोरिया की जनता को कभी भी उनके नेता के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी नहीं दी जाती। मालूम पड़ता है कि किम जोंग को आखिरी बार 12 अप्रैल को देखा गया था और इतना ही नहीं 15 अप्रैल को भी वह अपने दादाजी और उत्तर कोरिया के संस्थापक किम इल सुंग के जन्मदिन पर हुए भव्य समारोह में भी दिखाई नहीं पड़े थे।
किम जोंग की बहन संभालेंगी सत्ता?
11 अप्रैल, 2020 के बाद से सार्वजनिक रूप से किम जोंग को उत्तर कोरिया में नहीं देखा गया है। खास बात ये है इसी दिन किम जोंग उन की बहन किम यो-जोंग को उत्तर कोरिया के पोलित ब्यूरो में अल्टरनेट सदस्य के रूप में दोबारा शामिल किया गया। इसी वजह से किम यो-जोंग को उत्तर कोरिया के अगले शासक के रूप में देखा जा रहा है। लेकिन अभी कुछ भी आधिकारिक रूप से नहीं कहा गया है।
किम जोंग की उम्र लगभग 36 साल है। उनकी छोटी बहन किम यो-जोंग की उम्र 30 साल के करीब बताई जा रही है। छोटी बहन की शख्सियत भी भाई किम जोंग की तरह ही मानी जाती है। दोनों ने स्विटजरलैंड से एक-साथ पढ़ाई की है। जिस तरह किम जोंग ने कई कड़े फैसले लेते रहे हैं, खुलेआम दूसरे देशों को धमकी देते रहे, ऐसा ही अंदाज किम यो-जोंग का भी माना जाता है। यानी कि ये कह सकते हैं कि दोनों की बोली लगभग एक जैसी ही है।
यहां ध्यान देना जरूरी है कि किम जोंग उन पहले भी यकायक गायब होते रहे हैं। साल 2014 सितंबर महीने की शुरूआत में वे 40 दिनों के लिए गायब हुए थे जिसके बाद भी कई तरह की अफवाहें उड़ी थी। तब एक अफवाह ये भी उड़ी कि विद्रोह के बाद उन्हें सत्ता से हटा दिया गया है। हालांकि, आगे चलकर वे एक तस्वीर में छड़ी के साथ दिखे गए।