पूरी दुनिया यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे संघर्ष के युद्ध में बदलने की आशंका से सहमी हुई है। इस बीच यूक्रेन अब तक के सबसे बड़े साइबर हमले की चपेट में आ गया है। जिसके चलते कुल 10 प्रमुख सरकारी और बैंक वेबसाइटें बंद कर दी गईं। पूरे मामले को लेकर मंत्रालय की ओर से रूस पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। यूक्रेन में साइबर हमले को लेकर रूस और यूक्रेन इस समय तीखे विवाद में उलझे हुए हैं। देश की सरकारी साइट और अधिकांश बैंकों को पिछले मंगलवार को निशाना बनाया गया था। इस साइबर हमले ने कई लोगों के बीच चिंता बढ़ा दी है। क्योंकि लोगों का पैसा अभी बैंकों में जमा है।
ऑनलाइन भुगतान ठप
साइबर हमले के कारण लोगों के ऑनलाइन भुगतान पर रोक लगा दी गई है। हालांकि सरकार की ओर से लोगों को बताया गया कि उनका पैसा सुरक्षित है और उनके हस्ताक्षर सुरक्षित हैं। वहीं, एवेज ने आशंका जताई है कि हमले के पीछे रूस का हाथ हो सकता है।
रूस पर शक
यूक्रेन के अधिकारियों का कहना है कि साइबर हमला यूक्रेन को निशाना बनाकर किए जाने वाले हैकिंग अभियानों की श्रृंखला में से एक है। हालांकि, मंगलवार को रूस ने कहा कि वह आक्रमण नहीं करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि वे सैनिकों को पीछे धकेल रहे थे। हालांकि पश्चिमी देशों से इसके सबूत मांगे गए हैं।
20 वेबसाइटें ठप
आपको बता दें कि इस साइबर हमले के चलते यूक्रेन की करीब 10 वेबसाइटों ने काम करना बंद कर दिया है। इसमें रक्षा मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय और यूक्रेन में दो सबसे बड़े राज्य के स्वामित्व वाले बैंक भी शामिल हैं। बैंक की वेबसाइट हैक होने के बाद ग्राहकों ने यह भी शिकायत की कि उनकी नेट बैंकिंग बंद कर दी गई है। जिससे वे ऑनलाइन भुगतान नहीं कर पा रहे हैं।
लोगों के पैसे से सुरक्षित
गौरतलब है कि यूक्रेन के सूचना और सुरक्षा मंत्रालय ने जानकारी दी है कि इस साइबर हमले से बैंकधारकों को कोई नुकसान नहीं हुआ है। लेकिन मंत्रालय का कहना है कि रूस भले ही पीछे जा रहा हो, हो सकता है कि उसने साइबर हमले को अंजाम दिया हो।