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ये देश बने आतंक का हब

आतंकवाद के खिलाफ भारत हमेसा से दुनिया को सचेत करता रहा है। इनमें कई देश ऐसे हैं जो अब तंकवाद के हब बन गए हैं। इसकी पुष्टि संयुक्त राष्ट्र समेत खुफिया रिपोर्टों ने भी की है। दरसल दरअसल पाकिस्तान के बाद अब तालिबानी शासन में अफगानिस्तान भी आतंकी हब बनते जा रहा है। हाल ही में अफगानिस्तान को लेकर संयुक्त राष्ट्र महासभा में हुई बैठक में भारत के प्रतिनिधि राजदूत आर.रवींद्रन ने कहा कि आतंकवादी हमलों में सार्वजनिक स्थलों पर धार्मिक स्थल और शैक्षणिक संस्थानों में खासकर अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया गया
। उन्होंने कहा कि भारत अफगानिस्तान के साथ लंबे समय से शांति और स्थिरता को लेकर भागीदार रहा है।

इस दौरान उन्होंने संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद की निगरानी टीम से उम्मीद है कि वह दूसरे देशों को निशाना बनाने के लिए युद्धग्रस्त देश को अपने अड्डे के रूप में इस्तेमाल करने वाले आतंकी संगठनों को लेकर रिपोर्ट देना जारी रखेगी। साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि अफगानिस्तान के संबंध में अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामूहिक प्रयास की सुरक्षा परिषद के उस प्रस्ताव में भी सराहना की गई है, जिसे उस समय स्वीकार किया गया था जब भारत अगस्त 2021 में परिषद का अध्यक्ष था। भारत के राजदूत आर.रवींद्रन के मुताबिक अफगानिस्तान और पाकिस्तान जैसे देशों की जमीन का इस्तेमाल आतंकवादियों को आश्रय , प्रशिक्षण देने और उनका वित्त पोषण करने के काम में नहीं होने दिया जाना चाहिए, उन्होंने कहा कि लश्कर-ए-तैयबा , जैश-ए-मोहम्मद व आइएसआइएस जैसे प्रतिबंधित आतंकी संगठन आतंक की नर्सरी बना रहे हैं। वह अपने आतंकी फौज में युवाओं और लड़कियों को तेजी से भर्ती कर रहे हैं जो पूरी दुनिया के लिए चिंताजनक है।

गौरगतलब है कि भारत का पड़ोसी देश पाकिस्तान दुनिया का सबसे बड़ा आतंकी हब माना जाता है। यहां आतंकी खुल्ले आम विचरण करते दिखाई देते हैं । वहीं जब से अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार बनी है तब से अफगान भी आतंकियों का अब बनते जा रहा है।दिन – प्रतिदिन अफगानिस्तान में तालिबान आतंक की जड़ों को मजबूत कर रहा है। ये दोनों ही देश आए दिन एक दूसरे पर आतंकी हमले कराने का आरोप लगाते रहते हैं।

गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले संयुक्त राष्ट्र ने तालिबानियों के जुल्म और आतंक के खिलाफ एक प्रस्ताव पेश किया था। जिसमें 193 देशों में से 116 देश अपनी सहमति जता चुके हैं। जिस वजह से यह प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र में बहुमत से पारित हो गया है। यह कार्रवाई संयुक्त राष्ट्र को तालिबानी आतंकियों की रिपोर्ट मिलने के बाद की गई है।

जिसके बाद अफगानिस्तान पर भारत की पैनी नजर बनी हुई है। इसी के तहत भारत ने संयुक्त राष्ट्र से कहा है कि वह अफगानिस्तान में होने वाली हर गतिविधि पर पैनी नजर रख रहा है। युद्धग्रस्त अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता को लेकर भारत का सीधा संबंध है। भारत अफगानिस्तान से जुड़े मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ सक्रिय रूप से जुड़ा हुआ है। उनके मुताबिक भारत निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाए जाने की कड़ी निंदा करता है। भारत ने रूसी संघ के राजनयिक परिसर पर हमले को भी अति निंदनीय करार दिया है।

 

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