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कोरोना के अनसुलझे सवाल

कोरोना पर विश्व स्वास्थ्य संगठन के विशेषज्ञों की टीम ने जो रिपोर्ट दी है उससे दुनिया के कई मुल्क संतुष्ट नहीं हैं। जाहिर है कि ये देश आज भी यही मानते हैं कि कोरोना संक्रमण के लिए चीन जिम्मेदार है और डब्ल्यूएचओ उसके प्रति दरियादिली दिखा रहा है

एक साल से भी ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन दुनियाभर में कोरोना संक्रमण से हालात और भी ज्यादा बिगड़ते जा रहे हैं। अभी तक इस वायरस की चपेट में करोड़ों लोग आ चुके हैं, जबकि करीब तीस लाख लोगों की जानें चली गई हैं। बावजूद इसके कोरोना वायरस की उत्पत्ति कहां से हुई, इसका पता अभी तक नहीं मिल पा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक जांच टीम के विशेषज्ञों की राय है कि इस घातक विषाणु के स्रोत का अब तक पता नहीं चला है तथा सवालों के जवाब पाने के लिए आगे और अध्ययन की जरूरत है। अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की टीम द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि विशेषज्ञों ने 14 जनवरी से 10 फरवरी तक चीन के वुहान शहर का दौरा किया था जहां दिसंबर 2019 में वायरस का सबसे पहला मामला सामने आया था। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डाॅक्टर टेड्रोस अधानोम गेब्रेयेसस ने कहा, जहां तक विश्व स्वास्थ्य संगठन का संबंध है, सभी विचार सामने हैं।

हमें अभी वायरस के स्रोत का पता नहीं चला है और हमें विज्ञान का अनुसरण जारी रखना चाहिए। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद अमेरिका और जापान समेत 14 देशों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट पर चिंता जताई है जिसमें कोरोना वायरस की उतपत्ति और इसके इंसानों में फैलने का विवरण दिया गया है। इन 14 देशों का मानना है कि इस रिपोर्ट को डब्लूएचओ के साथ चीन ने मिलकर तैयार किया है। बता दें कि जनवरी 2021 में डब्लूएचओ ने कोरोना की उत्पत्ति और इसके इंसानों में फैलने की जांच के लिए अपनी दस सदस्यों की टीम चीन के वुहान शहर में भेजी थी।

इस टीम ने वहां पर सी-फूड मार्केट समेत दूसरी जगहों की जांच की और साथ ही लोगों और चीनी विशेषज्ञों से भी इस संबध में बात की थी। इसके बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा था कि उन्हें जांच में ऐसा कुछ नहीं मिला जिसके दम पर ये कहा जाए कि ये वायरस चीन की लैब से लीक हुआ था। उन्होंने ये भी कहा कि ये वायरस चमगादड़ के जरिए इंसान में आया। लेकिन कैसे, इस बारे में कुछ पता नहीं चल सका। इसमें ये भी कहा गया कि वायरस के लैब से लीक होने की बातें बेबुनियाद हैं, क्योंकि सभी लैब अत्याधुनिक तकनीक से लैस हैं। लेकिन अब इसी रिपोर्ट पर इन 14 देशों ने सवाल खड़ा कर दिया है। इनका कहना है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी रिपोर्ट को सही तरह से तैयार नहीं किया है। इसमें आॅरिजनल डाटा और सैंपल को शामिल नहीं किया गया है। इन देशों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा रिपोर्ट में देरी किए जाने पर भी आपत्ति जताई है।

जिन देशों ने इस रिपोर्ट पर आपत्ति जताई है उनमें अमेरिका, कनाडा, चेक रिपब्लिक, डेनमार्क, आॅस्ट्रेलिया और इजरायल भी शामिल है। इन सभी ने एक बयान में कहा है कि वो विश्व स्वास्थ्य संगठन संगठन द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना करते हैं। साथ ही संगठन ने इस महामारी को खत्म करने के जो कदम उठाए हैं वो उसके समर्थन में हैं। इतना ही नहीं वायरस की शुरुआत कैसे हुई और कैसे ये दूसरे देशों में फैलता चला गया, इसको भी वे समझते हैं। इसके बावजूद इन सभी देशों ने जिस बारे में अपनी चिंता व्यक्त की है उसको गंभीरता से लिए जाने की जरूरत है। जापान, लातविया, लिथुवानिया, नाॅर्वे, रिपब्लिक आॅफ कोरिया, स्लोवानिया और ब्रिटेन ने भी अन्य देशों द्वारा दिए गए इस बयान को सही बताते हुए इस पर अपनी सहमति दी है।

इन सभी देशों का कहना है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम के विशेषज्ञों ने चीन के वुहान में 14 जनवरी से 10 फरवरी के बीच जो रिव्यू किया वो इस बात को जानने का पहला कदम होगा कि ये वायरस कैसे आया और कैसे फैला। खबरों के मुताबिक संगठन के महानिदेशक टैड्रोस एधनोम गेबरेयसस ने विशेषज्ञों से मांग की है कि इस रिपोर्ट पर दोबारा गौर कर किसी ठोस नतीजे पर पहुंचने की जरूरत है। उन्होंने ये भी कहा है कि वो इस असेसमेंट में विश्वास नहीं रखते हैं कि सब कुछ पूरा हो चुका है। उन्होंने ये बातें न्यूज ब्रिफिंग के दौरान कही हैं। इस रिपोर्ट में टीम इस नतीजे पर जरूर पहुंची है कि वायरस के लैब से निकलने की बात जो कही जा रही थी वो पूरी तरह से मनगढ़ंत है।

इसके बाद भी इन सभी तथ्यों की दोबारा पड़ताल करने की जरूरत है। उन्होंने ये भी साफ कर दिया है कि वो इसके लिए अपने विशेषज्ञों की टीम को तैनात करने के लिए तैयार हैं। गौरतलब है कि कोरोना महामारी के लिए दुनिया के लगभग सभी देशों ने चीन की कड़ी निंदा की है। चीन पर इसको फैलाने अंदेशा जताया है। दुनिया के कई देशों ने इसमें चीन की भूमिका को संदिग्ध माना है और कहा है कि इस महामारी की वजह से करोड़ों लोग बीमार हुए हैं, जबकि तीस लाख लोगों की मौत हो चुकी है।

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