विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) एक बार चेतावनी दी है कि कोरोना वायरस महामारी की स्थिति वैश्विक स्तर पर और अधिक बिगड़ती जा रही है। संगठन का कहना है कि स्थिति पहले और अधिक बदतर होती जा रही है। WHO प्रमुख टेड्रोस एदनहोम गेब्रेयासिस ने सोमवार को एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरा चेतावनी देते हुए कहा कि रविवार को आए 75% मामले अमेरिका और दक्षिणी एशिया के दस देशों से आए थे। पिछले दस दिनों में नौ देशों से एक लाख से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। वहीं, रविवार को 1,35,000 मामले सामने आए, जो अब तक सबसे ज्यादा हैं।
उन्होंने कहा कि अफ्रीका के कई देशों में वायरस के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यहां तक कि कई देशों में मामले एक हजार से भी कम हैं। लेकिन इसके बावजूद यह संख्या बढ़ रही है। गेब्रेयासिस ने आगे कहा, “इस महामारी में छह महीने से भी अधिक समय तक रहने के बाद भी अब तक कोई देश राहत की सांस नहीं ले पा रहा है। शोध से आए परिणामों में पाया गया है कि विश्व में अभी भी अधिकांश लोग संक्रमण के दायरे में हैं।”
इसके बाद उन्होंने कहा, “फेस मास्क इस खतरनाक कोरोना वायरस बीमारी को हराने के लिए एक व्यापक रणनीति का हिस्सा भर है। इसके अलावा अन्य एहतियाती कदम भी अपनाया जाना चाहिए। महज मास्क ही कोविड-19 से नहीं बचा सकता। इसके अलावा शारीरिक दूरी बनाने, हाथों को साफ रखने और सार्वजनिक स्वास्थ्य सुरक्षा के अन्य उपायों को किया जाना चाहिए।”
प्रेस ब्रीफिंग के दौरान WHO के प्रमिख ने कहा कि हमने उपलब्ध प्रमाणों की समीक्षा करते हुए और अंतरराष्ट्रीय एक्सपर्ट, सिविल सोसाइटी समूहों के सुझावों के आधार पर कुछ नए दिशानिर्देश तैयार किए हैं।
WHO के नए दिशानिर्देश:
- सभी देशों की सरकारें आम जनता को मास्क पहनने के लिए प्रोत्साहित करें। जहां संक्रमण ज्यादा है, वहां के लोगों को हर हाल में मास्क पहनना चाहिए। इसके साथ ही भीड़भाड़ वाली जगहों जैसे रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, अस्पताल और दुकानों में भी मास्क पहनना बेहद जरूरी है।
- मास्क के कुछ नुकसान भी हैं। कपड़े का मास्क गीला होने पर बदला न जाए तो संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके साथ ही मास्क लगाने वाले लोग खुशफहमी का शिकार हो जाते हैं और सामाजिक दूरी का ध्यान नहीं देते।
- सभी स्वस्थ लोगों को तीन परतों वाला फैब्रिक मास्क पहनना अनिवार्य बताया गया है। इसमें सूत का अस्तर, पोलिएस्टर की बाहरी परत और बीच में पोलिप्रोपायलीन की बनी ‘फिल्टर’ हो। जो लोग बीमार हैं, वे ही केवल मेडिकल ग्रेड का मास्क पहनें।
- जिन जगहों पर संक्रमण का स्तर बहुत ज्यादा है, वहां सभी लोगों को मेडिकल-ग्रेड का मास्क ही इस्तेमाल करना चाहिए। अस्पतालों में स्वास्थ्य कर्मियों के साथ ही मरीजों और वहां मौजूद सभी लोगों को मेडिकल- ग्रेड का मास्क पहनना होगा।
- कोरोना से बचने के लिए सामाजिक दूरी और हाथों को समय पर धोना भी बेहद जरूरी है।