हांगकांग कोरोना संकट के सबसे बुरे दौर का सामना कर रहा है। यहां बड़ी संख्या में कोरोना के नए मामले सामने आ रहे हैं। जिससे अस्पताल मरीजों से खचाखच भरे हुए हैं। कोविड-19 की जांच के लिए लोगों को लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ रहा है। चीन की तरह यहां भी जीरो-कोविड पॉलिसी का पालन किया गया। लेकिन इसके बावजूद लोगों को इतने बुरे संकट से गुजरना पड़ रहा है कि शवों को रखने तक की जगह नहीं बची है।
पब्लिक डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. टेनी लिंग ने कहा, “यहां कोरोना की स्थिति चिंताजनक है, संक्रमितों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है और हमारे पास घर पर कई मरीजों के संक्रमित होने का कोई रिकॉर्ड नहीं है। उन्होंने आगे कहा, ” कोरोना नियंत्रण के सभी उपाय विफल हो रहे हैं। मोर्चरी में स्टाफ कम चल रहा है।
हांगकांग कोरोना वायरस के सबसे बुरे दौर का सामना कर रहा है। यहां बड़ी संख्या में कोरोना के नए मामले सामने आ रहे हैं। जिससे अस्पताल मरीजों से खचाखच भरे रहते हैं। कोविड-19 की जांच के लिए लोगों को लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ रहा है। चीन की तरह यहां भी जीरो-कोविड पॉलिसी का पालन किया गया। लेकिन इसके बावजूद लोगों को इतने बुरे संकट से गुजरना पड़ रहा है। ऐसे में यहां हेल्थ एडमिनिस्ट्रेशन फिर से लॉकडाउन लगाने के विकल्प पर भी विचार कर रही है। हांगकांग की स्वास्थ्य मंत्री सोफिया चान ने कहा कि सरकार लोगों के व्यापक रूप से आवाजाही को रोकने के लिए लॉकडाउन के मामले पर अभी भी चर्चा चल रही है।
हांगकांग में बड़ी संख्या में बिना टीकाकरण वाले वरिष्ठ नागरिक हैं। उनमें से बहुतों को वैक्सीन के साइड इफेक्ट के कारण टीका नहीं लग पाया। 2021 में देश कोरोना वायरस पर काबू पाने में सफल रहा, तो कई का टीकाकरण नहीं हुआ। हांगकांग की आबादी करीब 7.4 मिलियन है। अगर कोरोना का प्रकोप जारी रहा तो मई के मध्य तक मरने वालों की संख्या 3,206 तक पहुंचने की उम्मीद है।