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सरस्वती पूजा को लेकर बांग्लादेश में विवाद, सड़कों पर छात्र

सरस्वती पूजा को लेकर बांग्लादेश में विवाद, सड़कों पर छात्र

सरस्वती पूजा को लेकर बांग्लादेश में विवाद शुरू हो गया है। हिंदू समुदाय ने इसको लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाया है। हिंदुओं के तरफ से यह आरोप लगाया गया है कि जानबूझ कर चुनाव की तारीख सरस्वती पूजा के दिन रखा गया है।

दरअसल, 30 जनवरी को ढाका के दो नगर निगमों के चुनाव होने है। और उसी दिन सरस्वती पूजा भी है। हिंदुओं ने हाई कोर्ट में मतदान की तारीख बदलने के लिए याचिका लगाई है जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है।

मंगलवार को जस्टिस जेबीएम हसन और जस्टिस एमडी खैरुल आलम की बेंच ने याचिका पर सुनवाई की और चुनाव आयोग के पक्ष में फैसला दिया। कोर्ट के फैसले पर लोगों ने असंतोष जताया है। हालांकि, कोर्ट का कहना है कि चुंकि दो फरवरी से सेकेंडरी स्कूल की परीक्षा शुरू हो रही है इसलिए वो तारीख नहीं बदल सकते है।

फिलहाल इसको लेकर ढाका के शाहबाग में विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए है। ढाका यूनिवर्सिटी के सैकड़ों छात्र सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। मंगलवार को छात्रों ने सबसे व्यस्त चौराहे को करीब डेढ़ घंटे ब्लॉक रखा। छात्रों ने तारीख बदलने के लिए चुनाव आयोग को सिर्फ एक दिन का समय दिया है। ढाका ट्रिब्यून ने यूट्यूब पर विरोध-प्रदर्शन का वीडियो डाला है।

ढाका यूनिवर्सिटी जगन्नाथ हॉल स्टूडेंट यूनियन के उपाध्यक्ष उत्पल विश्वास ने कहा, ”अगर चुनाव आयोग ने हमलोग की बात बुधवार तक नहीं मानी तो हम चुनाव आयोग की घेराबंदी करेंगे।”

दूसरी तरफ बांग्लादेश के सु्प्रीम कोर्ट के वकील अशोक कुमार घोष ने पत्रकारों से कहा है कि वो हाई कोर्ट के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती देंगे। इसके अलावा कई धार्मिक संगठनों ने भी चुनाव की तरीक तब्दील करने की माग की है।

पूजा उदजापोन परिषद के अलावा बांग्लादेश हिन्दू-बौद्ध-ईसाई एकता परिषद ने भी चुनाव आयोग से कहा है कि वो तारीक को बदले। चुनाव आयोग ने 22 दिसंबर को दक्षिणी ढाका नगर निगम और उत्तरी ढाका नगर निगम चुनाव घोषित की थी।

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