ताइवान के एक नए रक्षा मंत्री और खुफिया ची के रूप में घोषणा करने के बाद, आठ चीनी लड़ाकू जेट विमानों ने अपने वायु रक्षा पहचान क्षेत्र के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में उड़ान भरने के बाद ताइवान ने भी अपनी मिसाइले सक्रिय कर दि है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार 19 फरवरी को कहा कि चार चीनी जे -16 और चार जेएच -7, साथ ही एक इलेक्ट्रॉनिक युद्धक विमान, दक्षिण चीन सागर के ऊपरी हिस्से में ताइवान-नियंत्रित प्रतास द्वीपों के पास, अपनी हवा के दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र में उड़ गया। मंत्रालय ने कहा कि ताइवान की वायु सेना के साथ हाथापाई की गई, “रेडियो चेतावनी जारी की गई और गतिविधि की निगरानी के लिए वायु रक्षा मिसाइल सिस्टम तैनात किए गए।
हाल के महीनों में चीन ने द्वीप के आसपास अपनी सैन्य गतिविधि को बढ़ा दिया है, इस क्षेत्र पर चीन अपना दावा करता है। चीन का कहना है कि यह ताइपे और अमेरिका, ताइवान के सबसे महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय बैकर और हथियारों के बीच “मिलीभगत” का जवाब है। चीनी विमान लगभग दैनिक आधार पर ज़ोन के दक्षिण-पश्चिमी कोने में उड़ान भरते हैं, हालांकि आखिरी बार बड़े पैमाने पर ऐसी घुसपैठ 24 जनवरी को हुई थी जब 12 चीनी फाइटर जेट शामिल हुए थे।
चीन ने 28 जनवरी को ताइवान पर सख्ती दिखाते हुए कहा था कि स्वतंत्रता का मतलब युद्ध होगा। चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वू कियान ने कहा कि ताइवान में मुट्ठी भर लोग स्वतंत्रता की मांग कर रहे हैं। हम ऐसे लोगों को चेतावनी देते हैं कि वो आग से खेल रहे हैं और खुद जल जाएंगे। यदि ताइवान स्वतंत्रता की मांग पर कायम रहता है तो उसे गंभीर परिणामों के लिए तैयार रहना चाहिए। आजादी का सीधा मतलब युद्ध होगा। इतना ही नहीं चीन ने उन देशों को भी चेताया है जो चीन और ताइवान के बीच हस्तक्षेप कर रहे है।
दरअसल चीन ताइवान को अ्पना अभिन्न अंग मानता है। लेकिन ताइवान खुद को एक स्वतंत्र राष्ट्र कहता है। चीन के इस रूख पर कई बार अमेरिका भी चीन को कई बार फटकार लगा चुका है। चीन मानता है कि ताइवान स्वतंत्रता की गुहार लगाकर इंटरनेशनल समुदाय का समर्थन हासिल करना चाहता है। चीनी प्रवक्ता ने आगे कहा कि ताइवान चीन का अभिन्न हिस्सा है। ताइवान के जलक्षेत्र की सुरक्षा की जिम्मेदारी हमारी है और इस मामले में किसी की दखलंदाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। स्वतंत्रता की मांग करने वालों को वक्त रहते सुधर जाना चाहिए।