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ताइवान की राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में BJP के दो सांसदों की मौजूदगी से चीन नाराज

ताइवान की राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में BJP के दो सांसदों की मौजूदगी से चीन नाराज

ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन के शपथ ग्रहण समारोह में बीजेपी के दो सांसदों की वर्चुअल मौजूदगी पर चीनी दूतावास ने विरोध दर्ज कराया है। ताइवान में साई इंग-वेन ने बुधवार को जब दूसरी बार राष्ट्रपति पद की शपथ ली। इस समारोह में बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी और राहुल कासवान का भी बधाई संदेश दिखाया गया।

भारत हमेशा से ताइवान को लेकर बीजिंग की ‘वन चाइना पॉलिसी’ को मानता रहा है। और उसके साथ किसी भी तरह के कूटनीतिक संबंध स्थापित नहीं किए हैं। लेकिन नए घटनाक्रम से इस नीति में बदलाव के संकेत भी दिख रहे हैं। चीन ताइवान को ‘एक देश, दो सिस्टम’ का हिस्सा मानता है जबकि ताइवान खुद को स्वतंत्र मानता है। हॉन्गकॉन्ग भी इसी सिस्टम के तहत चीन का हिस्सा है।

नई दिल्ली में चीनी दूतावास के काउंसलर लियु बिंग ने एक ईमेल लिखकर आपत्ति जताई है और कहा कि निर्वाचित प्रतिनिधियों की ओर से बधाई संदेश देना भी बेहद गलत था। चीनी राजदूत ने अपनी शिकायत में लिखा, यूएन चार्टर और इसके अहम संकल्पों में वन चाइना के सिद्धांत को माना गया है। वन चाइना पॉलिसी को लेकर अंतरराष्ट्रीय संबंधों और पूरे वैश्विक समुदाय के बीच आम सहमति है।

चीनी राजदूत ने लिखा कि 70 साल पहले द्विपक्षीय संबंध स्थापित होने के बाद से ही भारत की सरकारें भी वन चाइना पॉलिसी को मानती रही हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बीजेपी सांसद को यह जानकारी नहीं थी कि उनके भेजे गए संदेश को समारोह में दिखाया जाएगा।

इसके अलावा, अगर चीन की आपत्ति को लेकर किसी आधिकारिक प्रतिक्रिया की जरूरत पड़ती है तो विदेश मंत्रालय ही इसका जवाब देगा। इस समारोह में 41 देशों के 92 प्रतिनिधि मौजूद थे, जिसमें अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो भी शामिल है। हालांकि, भारत की तरफ से कोई प्रतिनिधि आधिकारिक तौर पर शामिल नहीं हुआ था, लेकिन बीजिंग दो सांसदों की मौजूदगी से भी नाराज है।

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