चीन तो अमेरिका के मानो जैसे हाथ धोकर पीछे ही पड़ गया है। सोलरविंड्स के बाद में अब एक और बड़े साइबर हमले में चीनी हैकरों ने पूरे अमेरिका में कम से कम 30,000 संगठनों को अपना लक्ष्य बनाया है। जिन संगठनो पर चीनी हैकरों ने हमला किया है उनमें सरकारी और कमर्शियल कंपनियां भी शामिल हैं। हैकरों द्वारा इन कंपनियों के नेटवर्क में हैकिंग करने के लिए विदेशी एक्सचेंज सर्वर का इस्तेमाल किया गया है। ‘क्रेब्सऑनसिक्योरिटी के मुताबिक चीन में स्थित एक जासूसी समूह ने दुनिया के सर्वर ईमेल सॉफ्टवेयर में चार कमजोरियों का फायदा उठाया है।
इन कमजोरियों के कारण ही हैकरों ने उन कंपनियों के ईमेल विज्ञापनों तक अपनी पहुंच बना ली है और वे तेल स्थापित करने में सफल भी हो गए है। जबकि चीन ने चीन स्थित हैकरों के बारे में बताया तो था परन्तु उस पैमाने को प्रकट नहीं किया था जिस पैमाने पर हजारों संगठनों को निशाना बनाया गया था। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों को जानकारी देने वाले दो साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने साइबर अटैक पर क्रेब्सऑनसिक्योरिटी को बताया कि चीनी शैलिंग ग्रुप ने दुनिया भर के हजारों सर्वर पर अपना नियंत्रण कर लिया है।
क्या है हाफिंगियम?
एक्सचेंज सर्वर में मुख्य रूप से व्यावसायिक ग्राहकों का उपयोग किया जाता है। माइक ट्रांसफॉर्मर्स ने इन कमजोरियों को ठीक करने के लिए कई सुरक्षा अपडेट भी जारी किए हैं। इसने अपने ग्राहकों को तुरंत इसे इंस्टाल करने की भी सलाह दी है।
इस सप्ताह के आरंभ में लोगों ने अपने ग्राहकों को चीनी मूल वाले नए साइबर अटैक की चेतावनी भी दी थी जो मुख्य रूप से दुनिया के अन-प्रिमाइसेस सर्वर एक्स सर्वर सॉफ्टवेयर को अपना लक्ष्य बना रही है। इसे ‘हाफिंगियम’ का नाम भी दिया गया है। यह चीन द्वारा संचालित किया जाता है और गुप्त स्थितियों को हासिल करने के लक्ष्य से अमेरिका में संक्रामक रोग शोधार्थियों, कानून फर्मों, रक्षा ठेकेदारों, नीति थिंक टैंक, उच्च शिक्षा संस्थानों और एनजीओ पर अटैक कर रहा है।
माइक ट्रांसफॉर्मर्स में कस्टमर सिक्योरिटी ऐंड ट्रस्ट के कारपोरेट वाइस प्रेसिडेंट टॉम बर्ट ने कहा है कि हाफिंगियम चीन में स्थित है। यह अमेरिका में लीजड वर्ग के प्राथमिक सर्वर (वीपीएस) से अपनी गतिविधिओंं का संचालन करता है। पिछले 12 महीनों में यह आठवीं बार था जब लोगों ने सार्वजनिक रूप से नागरिक समाज के लिए महत्वपूर्ण संस्थानों को लक्ष्य बनाने वाले राष्ट्र-राज्य समूहों की पोल खोली है।