दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका और ड्रैगन चीन के बीच कटुता बढ़ती ही जा रही है। चीनी विदेश मंत्रालय द्वारा एक बयान में कहा गया कि अमेरिका द्वारा तथाकथित “हांगकांग मानव अधिकार” और “लोकतंत्र अधिनियम” से चीन के अंदरूनी मामलों में गम्भीरतापूर्वक हस्तक्षेप किया गया है। साथ ही चीन ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अमेरिका का यह कदम अंतर्राष्ट्रीय कानून और अंतर्राष्ट्रीय संबंधो के बुनियादी मापदंड का उल्लंघन है। हमारी सरकार और देश की जनता इसका दृढ़ता से विरोध करती है।
चीन के विदेश मंत्रालय द्वारा कहा गया कि अमेरिका ने जानबूझकर तथ्यों को अनदेखा किया और हांगकांग की सड़को पर तहस-नहस करने वाले दंगाइयों का समर्थन किया है। इसका उद्देश्य हांगकांग की समृद्धि को बर्बाद करना और चीन के ऐतिहासिक एकीकरण पर ब्रेक लगाना है। साथ ही यह भी कहा गया कि हांगकांग चीन का अभिन्न अंग है और किसी भी विदेशी सरकार व शक्ति को इसमें हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है।
बयान में आगे कहा गया कि चीन की सरकार अपनी राष्ट्रीय प्रभुसत्ता ,सुरक्षा और विकास हितों की रक्षा करेगी। अगर अमेरिका अपने गलत रुख पर अड़ा रहा तो चीन को मजबूरन जवाबी कदम उठाना पड़ेगा जिसके परिणामों का जिम्मेदार अमेरिका ही होगा।
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इससे पहले 27 नवंबर को चीन के विरोध के बावजूद अमेरिका ने “हांगकांग मानव अधिकार” और “लोकतंत्र अधिनियम” बनाने पर हस्ताक्षर कर दिए थे। जिसके बाद चीन ने इसका जबरदस्त विरोध कर नाराज़गी जताई है।