पूरी दुनिया वाकिफ है कि कोरोना नामक महामारी चीन के बुहान शहर से फैली।लेकिन चीन यह मानने को तैयार नहीं कि इस महामारी का जन्मदाता चीन ही है। जिससे पूरी दुनिया जंग लड़ रही है और अभी तक इस महामारी का इलाज खोजने में लगी है। दुनियाभर में महामारी फ़ैलाने वाले चीन के खिलाफ भारत ,अमेरिका , ऑस्ट्रेलिया ,इग्लैंड सहित कई अन्य देश कोरोना संक्रमण को लेकर चीन के देरी से चेतावनी जारी करने को लेकर खासे नाराज़ हैं।
अब चीन के ही एक और डॉक्टर ने आरोप लगाया है कि जिनपिंग सरकार ने न सिर्फ काफी वक़्त तक इस संक्रमण के फैलने की बात छुपाई बल्कि सबूत भी मिटा दिए। आरोप लगाने वाले प्रोफेसर क्वॉक-युंग युन ने चीन के बुहान शहर के अंदर जांच करने में मदद की थी। उनके मुताबिक न सिर्फ सबूतों को मिटाया गया बल्कि क्लीनिकल फाइंडिग के रिस्पांस को भी धीमा कर दिया गया।
युंग युन ने दावा किया है कि कोरोना महामारी को लेकर चीनी प्रशासन ने अहम जानकारियां छिपाई. जांचकर्ताओं के वुहान की मार्केट में डॉक्टर्स का जांच दल पहुंचने से पहले ही सारे सबूत मिटा दिए गए थे। माना जाता है कि वायरस हुनान मार्केट से फैला,लेकिन प्रोफेसर युन कहते हैं कि जब जांचकर्ता इस मार्केट में पहुंचे तो उन्होंने पाया कि स्थानीय प्रशासन पहले ही इलाक़े को डिसइन्फेक्ट कर चुका था। और कोरोना वायरस की उत्पत्ति के अहम सबूत मिटा दिए गए थे। प्रोफेसर युन ने कहा, ‘जब हम हुनान मार्केट गए तो वहां देखने के लिए कुछ भी नहीं था क्योंकि मार्केट को पहले ही साफ कर दिया गया था। तो आप कह सकते हैं कि क्राइम सीन से छेड़छाड़ की गई थी क्योंकि सीफूड मार्केट को पूरी तरह साफ कर दिया गया, जिससे हम यह पता नहीं लगा सके कि किस जानवर से यह वायरस आम आदमी तक पहुंचा।
‘मुझे शक है कि वो वुहान में कुछ छिपा रहे हैं। जिन स्थानीय अधिकारियों को इस बारे में जानकारी देनी चाहिए थी, उन्हें जल्द से जल्द ये जानकारी देने की अनुमति नहीं दी गई.’ उनका मानना है कि सबसे अहम वक़्त तो जनवरी में ही बीत चुका था, क्योंकि तबतक चीनी प्रशासन ने माना ही नहीं था कि वायरस एक इंसान से दूसरे इंसान में फैल रहा है। प्रोफेसर ने एक इंटरव्यू में कहा था कि बढ़ते मामलों को लेकर वुहान की धीमी कार्रवाई से हमें शक हुआ था कि मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है।