दुनिया इस समय कोरोना वायरस से जूझ रही है जिसका कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। चीन से फैले इस वायरस से चीन में ही अब तक लगभग 1200 सौ लोगों की मौत हो गई है। पिछले हफ्ते 11 फरवरी के दिन तो सबसे ज्यादा 108 लोगों की मौत हुई थी जो कि एक दिन में इस वायरस से मरने वालों की सबसे बड़ी संख्या है।
चीन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने 42638 लोगों के संक्रमण की पुष्टि की है। चीनी सरकार कोरोना से निपटने में लाचार दिख रही है। लेेकिन उसकी इस लाचारी के पीछे संदेह भी उठ रहे हैं। इस वायरस को वुहान स्थित वायरस प्रयोगशाला पी-4 में तैयार किए जाने की आशंका जताई जा रही है।
यह आशंका इसलिए जताई जा रही है क्योंकि चीन की सरकार ने इस बीमारी के फैलने की जानकारी सार्वजनिक नहीं की थी। पहली बार यह बीमारी चीन से ही सामने आई। इससे पहले वर्ष 1996 में बर्ड फ्लू भी चीन से ही फैला था। वर्ष 2003 में साॅर्स नामक वायरस दक्षिण चीन से फैला जिसकी चपेट में दुनिया के 26 देश आए थे। इसी तरह 2012 में चीन से ही मर्स नामक वायरस फैला था।
जिसने 27 देशों में इतना खतरनाक आतंक मचाया कि आठ सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। इन सभी वायरसों का जन्म उसी वुहान शहर से हुआ, जहां चीन की वायरोलाॅजी पी-4 प्रयोगशाला है, जिससे वैज्ञानिकों को शक है कि कोरोना वायरस किसी अन्य वायरस के जीन में वंशानुगत परिवर्तन करते समय किसी कारण से प्रयोगशाला से निकला गया।
संदेह उठ रहे हैं कि कहीं चीन चुपके-चुपके जैविक हथियार तो तैयार नहीं कर रहा है? चीन लगभग दो महीनों से कोरोना वायरास को मामूली बीमारी बताता रहा। जब इसने विकराल रूप ले लिया तब जाकर उसने इसकी जानकारी विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के साथ-साथ दुनिया के अन्य देशों से साझा की।
लेकिन तब तक इस बीमारी ने दुनिया के लगभग 35 देशों पर अपना प्रभाव छोड़ दिया था। मशहूर वैज्ञानिक स्टीफन हांकिंग ने मानव समुदाय को सुरक्षित बनाए रखने की दृष्टि से जो चेतावनियां दी थी, उनमें से प्रमुख चेतावनी आनुवांशिक अभियांत्रिकी (जेनेटिक इंजीनियरिंग) से खिलवाड़ करना भी है।
खासतौर से चीन और अमेरिकी वैज्ञानिक वायरस और बैक्टिरिया से प्रयोगशालाओं में एक तो नए वायरस और जीवाणु तैयार कर रहे हैं, दूसरे उनकी मूल प्रकृति में बदलाव कर उन्हें और ज्यादा खतरनाक बना रहे हैं। इनका उत्पादन मानव स्वास्थ्य हित के बहाने किया जा रहा है। लेकिन ये बेकाबू हो गए तो तमाम मुश्किलों का भी सामना करना पड़ सकता है।