रूस और यूक्रेन युद्ध पिछले एक वर्ष से चल रहा है। इस युद्ध का असर पुरे विश्व में देखा जा रहा है। इस युद्ध को लेकर अमेरिकी के पूर्व रक्षा सचिव जिम मैटिस का एक बयान सामने आया है जिसमे उनके द्वारा दावा किया गया है कि यदि रूस यूक्रेन को इस युद्ध में हरा देता है तो चीन भारत की वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के द्वारा भारत पर आक्रमण कर देगा। यही कारण है कि चीन, रूस और यूक्रेन युद्ध पर कड़ी नजर रख रहा है।
दरअसल, 3 मार्च को रायसीना डायलॉग के 8वें संस्करण के दौरान ‘पुराने, नए और अपरंपरागत ‘समकालीन संघर्षों का आकलन’ विषय पर चल रही पैनल चर्चा में अमेरिका के पूर्व रक्षा सचिव से पूछा गया था कि क्या अमेरिका चीन से निपटने के लिए तैयार है। इस पर उन्होंने जवाब दिया कि उन्हें इसमें कोई संदेह नहीं है कि अमेरिका पूरी तरह से तैयार है, और रूस के खिलाफ अमेरिका यूक्रेन का समर्थन करता रहेगा।
परमाणु हथियारों और पुतिन
मैटिस ने परमाणु खतरे की बातचीत पर कहा कि ”हम परमाणु हथियारों पर पुतिन की खिलाफत भरी बातें सुनते हैं। जबकि पुराने सोवियत संघ के पोलित ब्यूरो ने ऐसा कभी नहीं किया। हमें परमाणु हथियार नियंत्रण संधि पर वापस जाने की आवश्यकता है। वहीं चर्चा में मौजूद जनरल एंगस कैंपबेल ने रूस-यूक्रेन युद्ध को अवैध करार दिया और जोर देकर कहा कि यह एक संप्रभु राष्ट्र की अखंडता का उल्लंघन है। पूर्व अमेरिकी रक्षा मंत्री जिम मैटिस ने भी कहा था कि आने वाले समय में भारत सैन्य रूप से जितना मजबूत होगा, दुनिया भर में स्थिति उतनी ही शांत होगी।
रूस-यूक्रेन युद्ध
यूक्रेन संघर्ष से सीखे गए सबक के मुद्दे पर बोलते हुए भारत के जनरल अनिल चौहान ने कहा कि युद्ध के कई सबक हैं। सभी सार्वभौमिक रूप से लागू नहीं होते हैं। ‘सीडीएस जनरल चौहान ने कहा, “हमने मान लिया था कि भविष्य के युद्ध छोटे और तेज होंगे, यह एक लंबा युद्ध है। इसने विरोधाभास पैदा किया है। हमें आत्मनिर्भर बनना होगा, यही सबसे बड़ा सबक है।” मैटिस ने यह भी कहा कि भारतीय सेना को नई तकनीक की जरूरत है, क्योंकि जितना अधिक राष्ट्र मजबूत रहेगा और खुद के लिए बोलेगा, दुनिया भर में चीजें शांत होंगी। हमें यह देखना होगा कि भारतीय संदर्भ में क्या लागू होता है।’
पीएम मोदी का अमेरिका ने जताया आभार
मैटिन ने यह भी कहा कि भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘परमाणु हथियारों का उपयोग नहीं’ करने पर जोर दिया। इसके लिए हम सभी प्रधानमंत्री मोदी के आभारी हैं। पूर्व अमेरिकी रक्षा सचिव ने आगे कहा कि अगर रूस अपने यूक्रेन आक्रमण में सफल हो जाता है तो चीन एलएसी के साथ भारत के खिलाफ या वियतनाम और फिलीपींस के खिलाफ दक्षिण चीन सागर में भी आगे बढ़ने के लिए अभ्यस्त क्यों नहीं होगा। योनायें बना सकता है। रूसियों ने नाटो लाइनों के अपने सैनिकों को स्थानांतरित कर दिया और यूक्रेन पर हमला कर रहे हैं, यह साबित करता है कि नाटो से कभी कोई खतरा नहीं था।’