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संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में चीन और अमेरिका आमने सामने, हुई तीखी नोकझोंक

पूरी दुनिया इस वक्त कोरोना वायरस के कहर को झेल रही है। ऐसे में वायरस से उपजे संकट के बीच इससे निपटारे के लिए सयुंक्त राष्ट्र की बैठक हुई। लेकिन बैठक बेनतीजा रही। बैठक के दौरान अमेरिका और चीन के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिला। दोनों देशों के जुबानी जंग को रोकने के लिए संयुक्‍त राष्‍ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को हस्‍तक्षेप करना पड़ा। उन्‍होंने सभी देशों से एकजुट रहने का आह्वान किया। उन्होंने इसे ‘एक पीढ़ी की लड़ाई’ करार दिया। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कहा, “इस मुश्किल समय में परिषद का एकजुट होकर इससे निपटने के लिए संकल्प लेना बहुत महत्वपूर्ण है।”

एक लम्बे अंतराल के बाद गुरुवार को संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद की वर्चुअल बैठक बुलाई गई थी। ये बैठक वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिए हुई। इस बैठक को लेकर सभी देशों को उम्‍मीद थी कि महामारी बन चुके कोरोना वायरस से निजात का कोई ठोस उपाय निकलेगा। परन्तु ऐसा कुछ नहीं हुआ। बल्कि विश्व की दोनों महाशक्तियों आमने-सामने आ गईं। संकट में चीन ने सयुंक्त राष्ट्र की भूमिका की सराहना की तो वहीं अमेरिका ने कई सवाल खड़े कर दिए। संयुक्त राष्‍ट्र में चीन के राजदूत झांग जून ने कहा कि उनके देश को इस महामारी के लिए बलि का बकरा न बनाया जाए। उन्‍होंने कहा कि इस महासंकट से निपटने के लिए वैश्विक एकजुटता की जरूरत है। किसी देश को बलि का बकरा बनाए जाने से हम कहीं के नहीं रहेंगे।

अमेरिका का हमलावर रुख

दरअसल, कोरोना वायरस को लेकर पहले से ही चीन की भूमिका पर कई गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं। जिसके कारण पूरे विश्व में चीन की निंदा हो रही है। चीन पर कोरोना वायरस से सम्बंधित जानकारी गुप्त रखने और सही वक्त पर आगाह न करने के गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं। यहां तक की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप खुलेआम कोरोना वायरस को चीनी वायरस कह चुके हैं। जिसके बाद काफी विवाद भी हुआ था। चीन ने भी अमेरिका पर आरोप लगाया था कि अमेरिकी सैनिक इस वायरस को वुहान लाए थे। चीन ने दावा किया कि यह अमेरिका की साजिश हैं।

संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में अमेरिका का यह हमलावर रुख बरकरार रहा। अमेरिका के राजदूत ने मांग की कि इस वायरस की कहां पर उत्‍पत्ति हुई, इसकी जांच की जाए। साथ ही अमेरिका ने ये भी मांग की कि हेल्‍थ डेटा को सही समय पर साझा किया जाए। अमेरिकी राजदूत केली क्राफ्ट ने कहा कि अमेरिका ने आज इस बात पर जोर दिया कि पब्लिक हेल्‍थ डेटा और सूचना की अंतरराष्‍ट्रीय समुदाय से पारदर्शी तरीके से सही समय पर शेयरिंग की जाए।

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