चीन की जीरो कोविड नीति भी फेल होती नजर आ रही है। कोरोना वायरस ने एक बार फिर चीन की हालत खराब कर दी है। यहां लगातार संक्रमितों की संख्या बढ़ती जा रही है। चीन के कई प्रांतों में कोविड-19 के मरीज बड़ी संख्या में मिल रहे हैं। हालात इतने बेकाबू होते जा रहे हैं कि इससे निपटने के लिए चीनी सरकार ने शंघाई में सेना भेजने का फैसला किया है
पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले चुकी कोरोना महामारी का असर अब कई देशों में कम होता नजर आ रहा है। उन्हीं में भारत भी शामिल है। भारत के गृह मंत्रालय के आदेश के मुताबिक कोरोना वायरस के संदर्भ में लागू किया गया डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 1 अप्रैल से खत्म कर दिया गया है। इसके तहत कोरोना की कालर-ट्यून खत्म कर दी गई है। यानी अब किसी को फोन करने पर खांसी की आवाज और टीकाकरण की अहमियत बताने वाली वो आवाज आपको नहीं सुनाई देगी। सभी टेलीकॉम ऑपरेटर्स को स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा इस निर्देश का सर्कुलर भेज दिया है।
देश की राजधानी दिल्ली में मास्क न पहनने पर चालान नहीं काटा जाएगा। पर्सनल कार में मास्क लगाने की बाध्यता खत्म हो चुकी है। इसके साथ ही मुंबई ने मास्क लगाने की अनिवार्यता भी खत्म कर दी है। साथ ही पश्चिम बंगाल ने भी मास्क लगाने की पाबंदी हटा दी है। हालांकि हर राज्य ने सार्वजनिक जगहों पर मास्क पहनने, दो गज की दूरी बरतने और हाथों की साफ सफाई के दिशा निर्देश दिए हैं। लेकिन मोटे तौर पर किसी भी नियम को अनिवार्य नहीं रखा गया है। हालांकि एम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक केवल हाथ धोते रहने और लोगों से हाथ न मिलाने की आदत बरकरार रखी जाए तो कई बीमारियों से बचाव हो सकता है।
चीन की जीरो कोविड नीति भी फेल होती नजर आ रही है। कोरोना वायरस ने एक बार फिर चीन की हालत खराब कर दी है। यहां लगातार संक्रमितों की संख्या बढ़ती जा रही है। चीन के कई प्रांतों में कोविड-19 के मरीज बड़ी संख्या में मिल रहे हैं। शंघाई में अब तक कोरोना के करीब 9006 नए मरीज पाए गए हैं। यह कोरोना की पहली लहर की तेजी के बाद से 1 दिन का सबसे बड़ा आंकड़ा है। हालात इतने बेकाबू होते जा रहे हैं कि इससे निपटने के लिए चीनी सरकार सेना ने शंघाई में सेना को भेजने का फैसला किया है। इसके अलावा यहां अलग से 2000 से अधिक हेल्थ वर्कर्स को भी भेजा गया है। ये सभी लोग मिलकर शहर के करीब 2 .6 करोड़ लोगों की टेसि्ंटग करेंगे।
कई शहरों में लोगों को घरों से बाहर निकलने की इजाजत नहीं है। शंघाई में स्कूल बंद कर दिए गए हैं। कई शहरों में लॉकडाउन लागू कर दिया गया है। शेनझेन शहर में लॉकडाउन की घोषणा की गई है। हांगकांग में भी हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। अधिकारियों ने 27 हजार 647 नए कोरोना वायरस मामलों की पुष्टि की है। 87 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है। अब तक 3 हजार 729 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। वियतनाम में कोरोना की लहर चल पड़ी है। एक हफ्ते में 14 लाख संक्रमित लोग मिले हैं।
वर्ष 2019 के बाद से सबसे बुरी स्थिति शंघाई की आबादी करीब 2 .6 करोड़ है। पिछले कुछ दिनों में इसी शहर में कोरोना के सबसे ज्यादा मरीज मिले हैं। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने यहां 2 चरणों में लॉकडाउन भी लगा रखा है, लेकिन फिर भी मरीजों की संख्या बढ़ रही है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शंघाई में रोजाना जितने कोविड पॉजिटिव मिल रहे हैं, वो चीन में 2019 के अंत में कोरोना के पहले चरण की तेजी के दौरान मिले मरीजों के बाद सबसे ज्यादा हैं।
अस्पताल मरीजों से फुल शंघाई में स्थिति का अंदाजा इसी बाद से लगाया जा सकता है कि यहां के सभी हॉस्पिटल फुल चल रहे हैं। किसी भी अस्पताल में संक्रमित मरीजों को एडमिट करने की जगह नहीं है। हालांकि चीन का दावा है कि शंघाई में इस लहर में कोरोना संक्रमण से अभी तक 1 भी मौत नहीं हुई है।