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सैंडस्टॉर्म के आगोश में चीन, 341 लोग लापता

पिछले कुछ दशकों में पहली बार चीन की राजधानी बीजिंग में बेहद गंभीर सैंडस्टॉर्म ने दस्तक दी है। 15 मार्च, सोमवार को चीन की राजधानी बीजिंग पूरी तरह से धूल की चपेट में दिखाई दिया। बताया जा रहा है कि तेज हवाओं के कारण यह तूफान गोबी रेगिस्तान से उठा और इसने चीन के अधिकांश हिस्सों को धूल से भर दिया। चीन के पड़ोसी देश मंगोलिया में तेज आंधी आने के बाद से कम से कम 341 लोग लापता बताए जा रहे हैं।
उत्तर पश्चिमी चीन से दक्षिणी मंगोलिया तक फैला गोबी रेगिस्तान बहुत विशाल और बंजर है। यहां चीन के मौसम विभाग द्वारा येलो अलर्ट जारी किया गया है और कहा है कि ये धूल के तूफान इनर मंगोलिया से चीन के गांसु, शांक्सी और हेबेई तक फैले हुए हैं जो बीजिंग के आसपास स्थित है। धूल भरी आंधी के कारण बीजिंग की वायु गुणवत्ता एक नीचे पहुंच गई है। यहां सूचकांक 15 मार्च, सुबह अधिकतम स्तर यानी 500 तक पहुंच गया। कई जिलों में पीएम 10 का स्तर बहुत खतरनाक रूप से बढ़ा है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, पीएम 10 का स्तर प्रति दिन 50 माइक्रोग्राम से अधिक नहीं होना चाहिए। वास्तव में PM2.5, फेफड़ों के नुकसान के कणों का स्तर भी 300 माइक्रोग्राम से ऊपर पहुंच गया है। चीन में, यह मानक 35 माइक्रोग्राम है। साल के इस मौसम में राजधानी बीजिंग में ऐसी धूल भरी आंधी असामान्य नहीं है।
उत्तर-पश्चिमी चीन के गोबी रेगिस्तान में वनों की कटाई के कारण बीजिंग को ऐसे संकटों का सामना करना पड़ रहा है। चीन अब इस क्षेत्र की पारिस्थितिकी को बेहतर बनाने के लिए काम पर लगा हुआ है। बीजिंग के पड़ोसी शहरों से भी प्रदूषण पहुंच रहा है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि चीन और मंगोलिया में तूफान अन्य पड़ोसी देशों को भी प्रभावित कर सकता है। इस तूफान के कारण ऊंची इमारतों से घिरे बीजिंग के लोगों का संकट बहुत बढ़ गया है। कुछ दूरी के बाद दिखाई नहीं देता। ट्रैफिक रेंग रहा है। बताया जा रहा है कि अब तक बीजिंग में 400 से ज्यादा उड़ानें रद्द हो चुकी हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि तूफान जापान को प्रभावित कर सकता है। उन्होंने कहा कि चीन लगातार अपने शहरों का विस्तार कर रहा है, इससे संकट बढ़ गया है।

दुनिया भर के कई देशों में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। पिछले साल आईक्यू एयर के एक अध्ययन में दावा किया गया था कि दुनिया की 90 प्रतिशत आबादी असुरक्षित हवा में सांस ले रही है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि बढ़ते प्रदूषण के कारण जलवायु परिवर्तन की घटनाएं हो रही हैं। प्रदूषण से एक साल में दुनिया भर में 70 मिलियन मौतें होती हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन की राजधानी बीजिंग की हवा में काफी सुधार हुआ है। वह दुनिया भर के 200 प्रदूषित शहरों की सूची से बाहर हो गया है।

भारत में PM 2.5 का स्तर 500 प्रतिशत से अधिक है। हालांकि, 2018 की तुलना में 2019 में प्रदूषण में 20 प्रतिशत की कमी आई है। 98 प्रतिशत शहरों में सुधार हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दक्षिण एशिया में सबसे अधिक प्रदूषित देश भारत और पाकिस्तान हैं। दुनिया के 30 शीर्ष प्रदूषित शहरों में से 21 भारत के और 5 पाकिस्तान के हैं।

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