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बच्चों का भी हो सकेगा अब कोरोना से बचाव, 96 फीसदी प्रभावी साबित हुई मॉडर्ना वैक्सीन

विश्वभर में कोरोना भयानक और विनाशकारी रूप ले चुका है। जिस रफ्तार से इस बार कोरोना की विनाशकारी दूसरी लहर ने विश्व को हिट किया है उसे देखकर कहा जा सकता है कि उसकी कल्पना अधिकतर देशों ने नहीं की थी। इस कोरोना काल में लोगों की लगातार मौतें हो रही हैं ऐसे में विषेशज्ञों को चिंता है कि जब बच्चों में कोरोना फैलने लगेगा तो इसके लिए क्या तैयारियां की गई हैं। अब तक देश विदेश में जो भी वैक्सीन बनी है वे 18 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए हैं। लेकिन अमेरिका से कोरोना से बच्चों को भी सुरक्षित रखने के लिए राहत भरी खबर सामने आ रही है।

दरअसल, अमेरिका की एक दवा कंपनी मॉडर्ना (Moderna) द्वारा कहा गया है कि उनके द्वारा निर्मित कोविड-19 वैक्सीन 12 से 17 साल के युवा लोगों पर 96 फीसदी तक कारगर है। कंपनी की ओर से ये जानकारी क्लीनिकल ट्रायल के रिजल्ट्स का हवाला देते हुए दी गई है। वैक्सीन ट्रायल में 3,235 लोग शामिल हुए थे, वैक्सीन दो-तिहाई लोगों को दी गई, जबकि गोलियां एक-तिहाई लोगों को दी गई।

96 फीसदी प्रभावी

मॉडर्ना  द्वारा बताया गया कि स्टडी में पाया गया कि वैक्सीन कोविड-19 से लड़ाई में 96 फीसदी तक कारगर है। पहली डोज ट्रायल में देने के बाद 14 दिनों के भीतर कोरोनावायरसके 12 मामले सामने आये। इन रिजल्ट्स के बाद ट्रायल में शामिल लोगों को दूसरा इंजेक्शन देने के बाद औसतन 35 दिनों तक देखभाल में रखा गया है।

 

“क्यों ऑक्सीजन की कमी से त्रस्त है देश ?”

 

अमेरिकी दवा कंपनी ने कहा कि टीका लगने के बाद दुष्प्रभाव हल्के या मध्यम थे। सबसे अधिक इंजेक्शन वाले क्षेत्र में दर्द था। वैक्सीन की दूसरी खुराक लेने के बाद दर्द, थकान, मांसपेशियों में दर्द और कंपकंपी जैसे दुष्प्रभाव दिखाई देते हैं। ये दुष्प्रभाव बिल्कुल वैसा ही था जैसा कि वयस्कों को वैक्सीन लगाने के बाद देखा जाता है। मॉडर्ना ने कहा कि अब तक किसी भी गंभीर सुरक्षा चिंताओं की पहचान नहीं की गई है।

शुरू हुआ छह महीने से 11 साल के बच्चों के लिए वैक्सीन का ट्रायल

मॉडर्न ने कहा कि वर्तमान में कंपनी इस आयु वर्ग के लिए वैक्सीन की अनुमति के लिए विनियामक फाइलिंग के संभावित संशोधन के बारे में नियामकों के साथ चर्चा कर रही है। वर्तमान में दुनिया भर के कई देशों में 18 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोगों के लिए मॉडर्ना वैक्सीन को मंजूरी दी गई है। Pfizer और BioNotech ने अमेरिका और यूरोप में पहले ही आवेदन कर दिया है कि वे 12 से 15 साल के बच्चों के लिए अपने वैक्सीन के इस्तेमाल को मंजूरी दें।

बच्चों का कोरोना से बचाव बहुत ही आवश्यक है इसलिए कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए बच्चों को वैक्सीन लगाना अगले कदम के रूप में देखा जा रहा है। मार्च से ही मॉडर्ना द्वारा छह महीने से लेकर 11 साल के बच्चों के लिए वैक्सीन को लेकर ट्रायल करने शुरू कर दिए थे।

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