सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने कहा है कि ईरान हमारा पड़ोसी देश हैं और हम ईरान के साथ अच्छे और ख़ास रिश्ते रखना चाहते हैं। क्राउन प्रिंस का यह बयान ऐसे वक़्त में आया है, जब सऊदी अरब और ईरान के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच इराक़ में ख़ुफ़िया बातचीत की ख़बरें आ रही हैं। ईरान और सऊदी अरब एक दूसरे के पुराने दुश्मन हैं और दोनों देश पूरे मध्य-एशिया में एक दूसरे के प्रभाव को कम करने की कोशिश करते आए हैं लेकिन दोनों देशों के बीच अधिक तनाव की शुरुआत तब हुई, जब साल 2016 में एक शिया धर्म गुरु शेख़ अल-नमर को सऊदी अरब में फांसी दे दी गई। इसके जवाब में ईरान में सऊदी अरब के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन हुए और प्रदर्शनकारियों के एक गुट ने तेहरान स्थित सऊदी अरब के दूतावास पर हमला करके उसको आग के हवाले कर दिया।
क्राउन प्रिंस ने कहा “हम नहीं चाहते कि ईरान की स्थिति और ख़राब हो, इसके ठीक उलटा हम यह चाहते हैं कि ईरान ख़ुद तरक़्क़ी करे और पूरे क्षेत्र को और पूरी दुनिया को ख़ुशहाली की तरफ़ ले जाए।” सऊदी अरब जहां ज्यादा संख्या में सुन्नी मुस्लिम लोग रहते है तो वहीं ईरान शिया मुस्लिम देश है। दोनों के बीच दशकों से विवाद चल रहा है। सऊदी और ईरान हाल के वर्षां में प्रोक्सी युद्ध का सामना कर रहे है। लेकिन अब लगता है कि दोनों देशों के संबंधो में मिठास आ सकती है।
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यमन में ज्यादातर सुन्नी मुसलमान रहते है, जिनका नेतृत्व सऊदी अरब कर रहा है, ईरान यमन के खिलाफ युद्ध लड़ रहा विद्रोही ग्रुप हुत्थी को समर्थन कर रहा है। लेकिन ईरान ने इस बात से इंकार कर दिया है कि वह हुत्थी विद्रोहियों को हथियार सप्लाई करता है। हाल ही में ईरान के विदेश मंत्री की हुत्थी से बातचीत का कुछ अंश वायरल हुआ था, जिसको लेकर ईरान की काफी निंदा हो रही है। सऊदी अरब ने ईरान पर लेबनान और इराक में हस्तक्षेप करने का भी आरोप लगाया है, जहां ईरानी समर्थित शिया मिलिशिया ने विशाल सैन्य और राजनीतिक प्रभाव डाला है. खाड़ी में कार्गो और तेल टैंकरों पर हमला और सऊदी तेल भंडारो्ं पर 2019 में एक मिसाइल और ड्रोन हमले के पीछे होने की बात कर रहा है।
क्राउन प्रिंस का कहना था कि, “हमें उम्मीद है कि हम इन समस्याओं का समाधान ढूंढ लेंगे और ईरान के साथ अच्छे और सकारात्मक संबंध स्थापित करेंगे जिससे सभी पक्षों को फ़ायदा होगा।” समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने लिखा है कि इसी महीने इराक़ में सऊदी अरब और ईरान के अधिकारियों ने तनाव को कम करने के लिए बातचीत की है। समाचार एजेंसी एएफ़पी ने इराक़ के एक अधिकारी के हवाले से इस बातचीत की पुष्टि की है। यह भी कहा जा रहा है कि इराक़ के प्रधानमंत्री की मदद से यह बातचीत संभव हो सकी थी।