समाजिक जीवन में ऐसी कई परंपरा है जो लोगों के लिए उचित नहीं है और ये परम्पराएं प्राचीन समय से ही चली आ रही हैं। हालांकि इन परम्पराओं को बदलने और तोड़ने का प्रयास की किया जाता रहा है। इसी तर्ज पर चीन में भी एक कदम बढ़ाया गया है। चीन में पुरानी कुछ परम्पराओं को बदलने के लिए एक अभियान राष्ट्रीय स्तर पर चलाया गया है। यह अभियान ब्राइड प्राइस की परम्परा को नियंत्रण करने के लिए विशेष तौर से चलाया जा रहा है। इस साल चीन में छेड़े गए राष्ट्रीय स्तर अभियान के तहत तड़क -भड़क वाली शदियों को नियंत्रण करने के लिए मुहीम शुरू की गई है। ये अभियान खास तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में चलाया जा रहा है । चीनी प्रशासन द्वारा इस मुहीम को लेकर एक दस्तावेज भी जारी किया गया है। ग्लोबल टाइम्स अख़बार के अनुसार इस नए अभियान के तहत चीनी नागरिकों को पुरानी परंपराए बदले जाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि गांव -गांव जाकर लोगों को नियम और रिवाज बदलने लिए कहा जाएगा। इसके अलावा ये अभियान पूरी तरह से सफल हो सके इसके लिए कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं को कहा जाएगा कि वे खुद सादगी का उदाहरण पेश करें।
ग्लोबल टाइम्स रिपोर्ट के मुताबिक दुल्हन की कीमत चीनी समाज की एक प्राचीन परंपरा है। इसके परपंरा के तहत शादी के समय लड़के के घरवाले लकड़ी के परिजनों को उपहार देते हैं। पुराने समय में इसे सद्भावना के प्रतीक के रूप में दिया जाता था। लेकिन अब इस परंपरा ने व्यापारीकरण का रुप ले लिया है। शादी के समय लड़की के घरवाले लड़के वालों से भारी भरकम मांग पेश करते हैं। जिससे कम आय वाले कई परिवारों में लड़के की शादी के लिए बचत करनी पड़ती है। जिसका सीधा असर उनके जीवन स्तर पर पड़ता है। इसी व्यापारीकरण के चलते महंगा उपहार न मिलने पर लड़कियों ने पुराने प्रेम संबंधों को तोड़ लिया है, ऐसी कई घटनाएं चीन में हुई है। इस रूप में “ब्राइड प्राइस” की परंपरा चीन में एक बड़ी सामाजिक समस्या बन गई है। इसलिए सरकार इस समस्या पर जल्द से जल्द नियंत्रण चाहती है। ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक हाल के वर्षों में कई शहरों में इस परिपाटी पर काबू पाने की कोशिशें की गई हैं। बीते वर्ष सितम्बर महीने में आठ राष्ट्रीय विभागों ने दुल्हन की अत्यधिक कीमत और तड़क-भड़क वाली शादियों को रोकने का नोटिस जारी किया था। लेकिन यह पहली बार हुआ है की जब चीन सरकार ने इस बारे में राष्ट्रीय अभियान छेड़ने का फैसला किया है।
इन प्रयासों के तहत जियांग्शी प्रांत के गुआंगचोंग जिले में पिछले सितिबंर में दस जोड़ों की सामूहिक शादी कराई गई। उस समय दुल्हन के परिवार वालों को कोई कीमत नहीं दी गई, न ही कोई लेन-देन हुआ। इसके अलावा कराये गए इन शादियों की लाइवस्ट्रीमिंग की गई। जिसे 40 हजार ज्यादा लोगों ने देखा। ग्लोबल टाइम्स की खबर के मुताबिक कुछ शहरी क्षेत्रों में दुल्हन की कीमत हद पार कर गई है। कई जगहों पर इस रूप में एक से डेढ़ लाख युवान यानी 14 से 22 हजार डॉलर तक की मांग की गई है। कुछ क्षेत्रों में तो पौने तीन लाख युवान तक की मांग किए जाने की खबर मिली है। दुल्हन की कीमत लेने का चलन अब कुछ ऐसे इलाकों में भी फैल गया है, जहां पहले ऐसी कोई परंपरा नहीं थी।
गौरतलब है इस तरह की परिपाटी केवल चीन में ही नहीं है जहां लड़के वाले लड़कियों को रकम देते है। कुछ इसी प्रकार की परपंरा गुजरात के कुछ गावों में भी है। आम तौर पर लड़की वालों से दहेज लिया जाता है लेकिन गुजरात के “42 गाम पाटीदार समाज’ में शादी करने के लिए लड़के वालों को दहेज देना पड़ता है। टाइम्स ऑफ़ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार जो भी लड़के इस समाज की लड़कियों से शादी करना चाहते है उन्हें दहेज देना पड़ता है। दहेज की राशि 15 लाख से 30 लाख रुपए तक होती है।