कोरोना का कहर पूरे विश्व में जारी है। हर दिन करोड़ों की संख्या में कोरोना संक्रमित मरीजों में इजाफा हो रहा है। कोरोना के सबसे ज्यादा केस ब्राजील भारत और अमेरिका में देखने को मिल रहे है। लेकिन ब्राजील में कोरोना महामारी के कारण हर दिन 4000 लोगों को अपनी जिंदगी से हाथ धोना पड़ रहा है। अस्पतालों में आक्सीजन सिलेड़रों की कमी आ गई है, बेरोजगारी और भूखमरी की समस्या भी अब ब्राजील में उत्पन्न होने लगी है। दरअसल ब्राजील के राष्ट्रपति जायरा बोल्सानारो की गलतियों की वजह से आज पूरा देश इस संकट में फंस गया है। जब पूरा विश्व लॉकडाउन हो गया था, तब भी ब्राजील में लॉकडाउन नहीं लगाया गया था। जिसका नतीजा आज देश की जनता भुगत रही है।
महामारी के साथ-साथ अब ब्राजील में भूख और खाद्य पदार्थों की कमी भी आने लगी। एक नए अध्ययन के अनुसार, महामारी के दौरान 19 मिलियन ब्राज़ीलियाई लोग भूखे रह गए, लगभग 117 मिलियन से अ्धिक आबादी खाद्य पदार्थो की कमी से जूझ रही है। विशेषज्ञ कोरोनोवायरस द्वारा उच्च बेरोजगारी की ओर इशारा कर रहे है। ग्रामीण इलाकों में स्थिति और भी खराब है। शहर का एक गरीब व्यक्ति सड़क पर निकल सकता है और भोजन मांग सकता है, पंरतु एक गरीब ग्रामीण व्यक्ति ऐसा नहीं कर सकता है। देश में महामारी के कारण सामान्य खाद्य पदार्थों में वृद्धि हुई है। जिसे आम नागरिक खरीदने में अक्षम है।
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ब्राजील में कोरोना के इस समय 1.3 करोड़ लोग कोरोना संक्रमित है। 1.19 करोड़ लोग कोरोना को मात दे चुके, तो वहीं अभी तक कोरोना से 3.53 लोगों की मौत हो चुकी है। साउथ पाउलो राज्य में कोरोना के सबसे ज्यादा मरीज है। इसके अलावा मिनस गेरैस 12.3 लाख, रिओ ग्रांड डो सुल 8.92 लाख और पाराना 8.83 लाख के मामले पाए गए हैं। बोलोसोनारो के बयान से साफ जाहिर होता था कि वह कोरोना की बिल्कुल परवाह नहीं करते, उन्होंने तो वैक्सीन को लेकर भी एक अटपड़ा बयान दिया था। अपने बयान में बोलसोनारो ने कहा था कि मैं आपसे कह रहा हूं मैं इसे नहीं लेने वाला हूं। यह मेरा हक है। उन्होंने वैक्सीन को लेकर कहा था कि वैक्सीन आपको मगरमच्छ या दाड़ी वाली महिला में बदल सकती है। साल के अंत में उन्होंने कोरोना को थोड़ा फ्लू कहा था। मास्क की उपयोगिता को भी उन्होंने कठघरे में खड़ा किया था। उन्होंने मास्क लगाने पर कहा था कि इस बात के कोई पूर्ण साक्ष्य नहीं है कि मास्क लगाने से कोरोना रुकेगा। हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा था कि कोरोना से जंग में मास्क ही एक कारगार हथियार है, जो इसके संक्रमण को बढ़ने से रोकता है।