एक तरफ पूरा विश्व इस वक्त कोरोना वायरस से निजात के उपाय खोजने में लगा है तो वहीं एक देश में कब्रों को खोदकर शवों को निकाला जा रहा है। ये देश कोई और नहीं बल्कि ब्राजील है। ब्राजील में इस समय कोरोना वायरस के कारण स्थिति बेहद खराब है। कोरोना वायरस के सबसे अधिक मामले अमेरिका से सामने आए है। अमेरिका के बाद कोरोना के संक्रमण और मौत के मामले में ब्राजील दुनिया में दूसरे स्थान पर है।
ब्राजील के प्रमुख शहर साओ पाउलो में तो मौत का आंकड़ा इतना ज्यादा हो चुका है कि अब यहां शवों को दफनाने तक की जगह कम पड़ रही है। जिसके चलते अब स्थानीय प्रशासन द्वारा जबरदस्ती पुरानी शवों को खोदकर संक्रमित मरीजों के शवों को दफनाया जा रहा है। अब तक ब्राजील में संक्रमण के 8,67,000 से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं और 43000 ज्यादा लोगों की इससे मौत भी हो चुकी है।
वहीं देश में इस स्थिति के लिए ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो को अपने देश मे आलोचना भी झेलनी पड़ रही है। दरअसल, उनपर आरोप है कि उनकी ओर से कोरोना संक्रमण को मामूली फ्लू बताकर प्रचारित किया गया। साथ ही लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के खिलाफ भी अपने समर्थकों को भड़काने का आरोप है।
हाल ही में बोलसोनारो की ओर से कोरोना से हो रही मौतों के आंकड़े भी सार्वजनिक करने से मना कर दिया गया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद उन्हें अब विवश होकर सभी आंकड़े सार्वजनिक करने पड़े थे।
साओ पाउलो म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन की ओर से बताया गया कि तीन साल पुराने कब्रों को खोदकर उनमें मिलने वाले अवशेषों को एक बड़े कंटेनर में एकत्रित किया जा रहा है। अभी इन कंटेनरों को अस्थायी रूप से रखा जाएगा। उसके बाद15 दिनों के भीतर इन अवशेषों को दूसरे कब्रिस्तानों में दफन कर दिया जाएगा।
विला फॉर्मोसा में कब्रें खोदने वाले एडनील्सन कोस्टा ने बताया, “महामारी में काम बहुत बढ़ गया है। मुझे आने वाले वक्त से डर लगता है। संक्रमण कम नहीं हुआ, बल्कि बढ़ गया पर लोग इस बात को समझने को तैयार नहीं हैं। मैं हैरान हूं। कुछ लोग अब भी कह रहे हैं कि कोविड-19 हमारा कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा जबकि यहां कब्रें कम पड़ गई हैं।”